लद्दाख में बुधवार को प्रदर्शनकारियों का गुस्सा उग्र हो गया। छात्रों और युवाओं ने कई गाड़ियों और स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग लगा दी। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
हिंसा के बीच प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपनी 15 दिन की भूख हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की और युवाओं से अपील की कि हिंसा रोकें, ताकि आंदोलन की असली भावना को नुकसान न पहुंचे।
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प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा मिले।
लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें।
सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता।
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छठी अनुसूची क्या है?
संविधान की छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों को विशेष अधिकार देती है।
स्वायत्त जिला परिषदें (Autonomous District Councils)
स्थानीय शासन और वैकल्पिक न्यायिक व्यवस्था
वित्तीय अधिकार और संसाधन प्रबंधन
लद्दाख में भी ऐसी सुरक्षा की मांग तेज़ हो रही है।
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हालात कैसे बिगड़े?
लेह शहर में पूर्ण बंद
एनडीएस स्मारक मैदान में बड़ी भीड़ और जुलूस
युवाओं ने पथराव किया और भाजपा कार्यालय को निशाना बनाया
कई गाड़ियों और एक सुरक्षा वाहन में आगजनी
पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल
आगे क्या होगा?
केंद्र सरकार और लद्दाख के संगठन एलएबी (Ladakh Apex Body) और केडीए (Kargil Democratic Alliance) के बीच 6 अक्टूबर को नई वार्ता तय है। यह बातचीत अब और अहम हो गई है क्योंकि आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया है।
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