अयोध्या, एनआईए संवाददाता। ।
जिला अस्पताल प्रशासन मानो हादसे को दावत दे रहा है। बिना ऑक्सीजन टेक्निशियन के ही ऑक्सीजन प्लांट की मॉकड्रिल कर दी गई। डिप्टी सीएमओ डॉ. दीपक पाण्डेय की मौजूदगी में हुए इस ड्रिल ने स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही को फिर से सामने ला दिया।
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ऑक्सीजन टेक्निशियन की तैनाती न होना किसी भी आपात स्थिति में मरीजों की जिंदगी के लिए सीधे खतरे जैसा है। डॉ. पाण्डेय ने खुद माना कि यह गंभीर कमी है और कहा कि शासन को तत्काल ऑक्सीजन टेक्निशियन की पोस्टिंग करनी चाहिए।
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हैरानी की बात है कि जिला अस्पताल फिलहाल वैकल्पिक रूप से एक साधारण स्टाफ से काम चला रहा है। स्वास्थ्य महकमे का यह रवैया सवाल खड़ा करता है—क्या जिला अस्पताल मरीजों की जान को दांव पर लगाकर फॉर्मैलिटी निभा रहा है?
पिछले निरीक्षण में खामियां उजागर होने के बाद उन्हें दुरुस्त करने का दावा किया गया था, लेकिन यह मॉकड्रिल दिखा रही है कि अभी भी सिस्टम अधूरा है और ऑक्सीजन जैसी जीवनरक्षक व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।
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