संभल/ रियाजुल अहमद |
जनपद संभल के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। विभाग के नोडल अधिकारी मनोज चौधरी, जिनकी जिम्मेदारी फर्जी अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करना है, अब उन्हीं पर फर्जी अस्पतालों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार, थाना हजरत नगर गढ़ी क्षेत्र स्थित “इंडियन हॉस्पिटल” को करीब 10 दिन पहले फर्जी संचालन और बिना पंजीकरण के इलाज करते पाए जाने पर स्वयं नोडल अधिकारी ने सील कराया था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसी अस्पताल को दोबारा चालू करा दिया गया। यहां तक कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू करवा दी गई।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि मनोज चौधरी ने इस कार्रवाई के एवज में झोलाछाप डॉक्टरों से मोटा पैसा वसूला। इससे शासन के निर्देशों की खुली अवहेलना हुई और स्वास्थ्य विभाग की साख पर प्रश्नचिह्न लग गया।

फाइल फोटो।जानकारी के मुताबिक, “इंडियन हॉस्पिटल” आयुब़ और याकूब नाम के दो झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाया जा रहा है, जिनके पास न तो लाइसेंस है और न ही कोई योग्य चिकित्सक मौजूद। सील तोड़कर अस्पताल को दोबारा खोलना और नोडल अधिकारी द्वारा आंख मूंद लेना, साफ तौर पर मिलीभगत का संकेत देता है।
निष्पक्ष जांच की मांग
इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच मुख्यमंत्री स्तर से कराए जाने की मांग उठ रही है। जनता में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश और अविश्वास तेजी से बढ़ रहा है। सूत्रों का दावा है कि जिले में कई और फर्जी क्लीनिक और पैथोलॉजी सेंटर भी मनोज चौधरी के संरक्षण में चल रहे हैं। इनकी जांच होने पर बड़ा नेटवर्क उजागर हो सकता है।
स्थानीय लोगों की मुख्य मांगें
1. नोडल अधिकारी मनोज चौधरी को तत्काल पद से हटाकर जांच कराई जाए।
2. इंडियन हॉस्पिटल और उसके संचालकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए।
3. जिले के अन्य संदिग्ध अस्पतालों की जांच एसडीएम व सीएमओ की संयुक्त टीम करे।
आरोपियों के बयान
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आरोपियों का अगर इस संदर्भ में बयान आता है तो उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।
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