राजधानी की देवा रोड पर मंगलवार रात कपड़ा कोठी मेगा मार्ट में ऐसी आग लगी जिसने प्रशासन और सिस्टम की “सुरक्षा” की पोल खोल दी। मालिक ने फायर NOC तक नहीं ली, और फिर भी पांच मंजिला इमारत में ग्राहकों और स्टाफ की जान जोखिम में डाल दी। जब आग लगी, तो पूरा मार्ट चीखों और भगदड़ से गूंज उठा।
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तीसरी मंजिल से उठीं लपटें कुछ ही मिनटों में दूसरी मंजिल तक पहुंच गईं। धुआं इतना घना था कि लोग सांस नहीं ले पा रहे थे। करीब 15 लोग जान बचाकर भागे, वरना हालात और भयावह हो सकते थे।
दमकल की छह गाड़ियां पहुंचीं और करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फायर विभाग के अधिकारी भी यह देखकर हैरान रह गए कि इतने बड़े मेगा मार्ट में न कोई अलार्म सिस्टम था, न फायर एक्सटिंग्विशर, न सेफ्टी हाइड्रेंट।
गोमतीनगर फायर ऑफिसर सुशील कुमार बोले, “यह साफ लापरवाही है। बिना एनओसी और बिना फायर सेफ्टी सिस्टम के मार्ट चल रहा था।”
सीएफओ अंकुश मित्तल ने भी पुष्टि की कि “मालिक को पहले दो नोटिस जारी की जा चुकी थीं, लेकिन उसने मानकों को ताक पर रख दिया।” अब तीसरी नोटिस भेजी जा रही है और एलडीए को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
पीछे होटल, ऊपर शोरूम और बीच में मौत का जाल — यही बन चुकी थी यह बिल्डिंग।
अगर दमकल टीम वक्त पर न पहुंचती, तो दर्जनों लोग जिंदा जल सकते थे।
अब सवाल उठता है —
इतने बड़े मार्ट को बिना NOC किसने चलाने दिया?
नोटिस के बाद कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
क्या कोई अफसर इसकी मिलीभगत में है?
शहर की ये आग सिर्फ एक इमारत नहीं, सिस्टम की लापरवाही भी जला गई है।
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