जीएसटी प्रणाली में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। राजधानी लखनऊ में ‘गणपती ट्रेडर्स’ नामक फर्म के मालिक ने जाली दस्तावेजों के सहारे 22.54 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हड़पने की साजिश रची।
राज्यकर विभाग की सतर्कता से यह खेल बेनकाब हो गया। जांच के बाद अपर आयुक्त विकास वर्मा ने आलमबाग थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
फर्जी बिल, जाली रेंट एग्रीमेंट और भोपाल का बैंक खाता
जांच में खुलासा हुआ कि विवेक नाम के व्यक्ति ने ‘गणपती ट्रेडर्स’ नाम से फर्म का ऑनलाइन पंजीकरण कराया, जिसमें बिजली का बिल और रेंट एग्रीमेंट तक फर्जी लगाए गए थे। पंजीकरण मिलते ही फर्म ने सिर्फ कागजों पर करोड़ों रुपये का कारोबार दिखाते हुए सरकार से 22.54 करोड़ रुपये की आईटीसी क्लेम कर डाली।
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राज्यकर विभाग को जब गड़बड़ी की भनक लगी, तो जांच शुरू की गई। आलमबाग का जो पता दिया गया था, वहां फर्म का नामोनिशान तक नहीं मिला। दस्तावेज जाली निकले और जो बैंक खाता दिखाया गया था, वह भोपाल (मध्य प्रदेश) का निकला।
विभाग की कार्रवाई से हड़कंप
जांच रिपोर्ट के आधार पर आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सरोज ने बताया कि मामला गंभीर है, और पूरी चेन की जांच की जा रही है, ताकि इस रैकेट के अन्य चेहरे भी सामने आएं।
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