होली 2026 कब है: जानिए तारीख, मुहूर्त, इतिहास और महत्व

नई दिल्ली, NIA संवाददाता।

रंगों का त्योहार होली (Holi 2026) हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। अगले साल यानी 2026 में होली 4 मार्च (बुधवार) को पड़ेगी। इससे एक दिन पहले 3 मार्च (मंगलवार) को होलिका दहन किया जाएगा। इस दिन देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत और प्रेम के रंगों का पर्व मनाया जाएगा।

होली 2026 की तारीख व मुहूर्त

होलिका दहन: मंगलवार, 3 मार्च 2026

रंगवाली होली / धुलंडी: बुधवार, 4 मार्च 2026

स्थान अनुसार: मुहूर्त व समय पंचांग के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है।

हिन्दू पंचांग के मुताबिक, यह पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। अगर प्रतिपदा दो दिन पड़ती है, तो पहले दिन को ही धुलंडी (वसंतोत्सव) के रूप में मनाने की परंपरा है।

होली का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और अभिलेखों में मिलता है। विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी की भित्ति चित्रों में होली के दृश्य उकेरे गए हैं। वहीं, विंध्य पर्वत के निकट रामगढ़ में मिले तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के अभिलेख में भी इस पर्व का उल्लेख मिलता है।

पौराणिक कथाएँ: प्रह्लाद, राधा-कृष्ण और धुण्डी की कथा

होलिका दहन की कथा

असुर राजा हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे।
प्रह्लाद की भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को उन्हें जलाने का आदेश दिया।
होलिका को अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था, लेकिन जब वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठी तो स्वयं जल गई और प्रह्लाद बच गए। तभी से यह दिन होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है।

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राधा-कृष्ण की प्रेम लीला

कृष्ण और राधा की होली की कथा भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि कृष्ण ने मजाक में राधा के चेहरे पर रंग लगाया था। तभी से ब्रज क्षेत्र में रंगों से खेली जाने वाली राधा-कृष्ण की होली परंपरा बन गई।

राक्षसी धुण्डी की कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान शिव के श्राप से ग्रस्त धुण्डी नामक राक्षसी को इस दिन लोगों ने भगाया था। उसी घटना की याद में भी होली मनाने की परंपरा है।

देशभर में अलग-अलग रूपों में मनाई जाती है होली

ब्रज (मथुरा-वृंदावन, बरसाना): यहाँ की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है।

मध्य प्रदेश (मालवा अंचल): यहाँ पाँचवें दिन रंग पंचमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।

हरियाणा: भाभी-देवर की मस्तीभरी होली देखने लायक होती है।

महाराष्ट्र: यहाँ सूखे गुलाल की होली प्रमुख है।

छत्तीसगढ़ और गुजरात: लोकगीतों और नृत्यों से वातावरण रंगीन हो उठता है।

होली का संदेश

होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, एकता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। यह पर्व हमें जाति, वर्ग, धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर एकता और खुशहाली के रंग बिखेरने की प्रेरणा देता है।

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Holi 2026: होली 4 मार्च को और होलिका दहन 3 मार्च को मनाया जाएगा। जानें होली का इतिहास, मुहूर्त, कथा और देशभर की परंपराएँ। रंगों के इस त्योहार पर हर जगह उमंग का माहौल रहेगा।

# होली 2026 से जुड़े आम सवाल

प्र.1: 2026 में होली कब है?

उ. साल 2026 में होली 4 मार्च (बुधवार) को मनाई जाएगी। इससे एक दिन पहले 3 मार्च (मंगलवार) को होलिका दहन होगा।

प्र.2: होली क्यों मनाई जाती है?

उ. होली बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने होलिका को अग्नि में भस्म कर दिया था।

प्र.3: होली को रंगों का त्योहार क्यों कहा जाता है?

उ. यह पर्व राधा-कृष्ण की रंगभरी लीलाओं की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन लोग आपसी भेदभाव भूलकर प्रेम और एकता के रंगों में रंग जाते हैं।

प्र.4: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?

उ. 3 मार्च 2026 की शाम को होलिका दहन किया जाएगा। सटीक मुहूर्त स्थान के अनुसार पंचांग के मुताबिक़ अलग-अलग रहेगा।

प्र.5: भारत के किन राज्यों में होली सबसे प्रसिद्ध है?

उ. मथुरा-वृंदावन, बरसाना, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में होली की विशेष धूम रहती है।

प्र.6: क्या होली 2026 में सरकारी छुट्टी रहेगी?

उ. हां, 4 मार्च 2026 (बुधवार) को देशभर में सरकारी अवकाश (Public Holiday) रहेगा। कई राज्यों में 3 मार्च को भी अवकाश घोषित किया जा सकता है।

प्र.7: होली 2026 की विशेषता क्या है?

उ. यह वर्ष होली मंगलवार-बुधवार को पड़ रही है, जिससे दो दिनों तक उत्सव का माहौल रहेगा। लोग होलिका दहन के बाद अगले दिन रंगों से होली खेलेंगे।

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