बहजोई हादसे से भी नहीं चेते खनन माफिया, संभल में मिट्टी का काला कारोबार जारी

नखाशा थाना क्षेत्र के मिलक और सलारपुर गांव में अवैध खनन का खुला कारोबार, हसन और फाजिल कर रहे मिट्टी की लूट

संभल, रियाजुल अहमद। 

संभल जिले में खनन माफियाओं के हौसले आसमान छू रहे हैं। बहजोई में मिट्टी की ढंग धंसने से महिलाओं की मौत के बाद भी अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा। नखाशा थाना क्षेत्र के मिलक और सलारपुर गांवों में हसन और फाजिल नामक खनन माफिया खुलेआम मिट्टी खोद रहे हैं, और स्थानीय प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।


बहजोई की दर्दनाक घटना से भी नहीं मिली सीख

कुछ ही दिन पहले बहजोई कोतवाली क्षेत्र के नरौदा गांव में मिट्टी की ढंग में दबकर सात महिलाएं जख्मी हो गईं थीं। हादसे में एक महिला की हालत अब भी गंभीर है।
गड्ढे इतने गहरे थे कि मिट्टी हटाने में ग्रामीणों को घंटों लग गए। उस वक्त प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचने में देर कर गया, और अब वही माफिया फिर से जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर खेतों की मिट्टी लूट रहे हैं।

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डीएम के आदेश की खुलेआम धज्जियां

संभल के डीएम ने जिले में खनन की सारी परमिशन निरस्त कर दी थी, लेकिन यह आदेश अब सिर्फ कागजों में दबकर रह गया है।
माफिया दिन-दहाड़े जेसीबी चला रहे हैं, ट्रक भर-भरकर मिट्टी भेजी जा रही है — और पुलिस चौकियां मूक दर्शक बनी हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि खनन माफियाओं को नेताओं और कुछ विभागीय अफसरों का संरक्षण मिला हुआ है। यही वजह है कि डीएम और एडीएम के आदेश भी इन पर असर नहीं डाल पा रहे।


प्रशासन मौके पर तो पहुंचा, पर कार्रवाई ‘शून्य’

बहजोई हादसे के बाद एडीएम और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।
जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई — न कोई गिरफ्तारी हुई, न किसी ट्रैक्टर को जब्त किया गया।
प्रशासन की ढिलाई ने माफियाओं को और बेखौफ कर दिया है। अब वे नखाशा, बहजोई और आसपास के गांवों में रात-दिन मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं।


ग्रामीणों का आक्रोश: “जब तक मौत न हो, कोई नहीं सुनता”

मिलक और सलारपुर के ग्रामीणों का कहना है क‍ि “हमारे खेत बर्बाद हो रहे हैं, गड्ढे इतने गहरे हो गए हैं कि बच्चे गिरने का डर रहता है। शिकायत करने पर माफिया धमकाते हैं, पुलिस कुछ नहीं करती।”

ग्रामीणों ने मांग की है कि खनन माफियाओं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज हो और जेसीबी व ट्रकों को तुरंत जब्त किया जाए।

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मामले की सच्चाई: किसके इशारे पर चल रहा खनन?

सूत्रों के मुताबिक, कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोग खनन माफियाओं से महीना वसूलते हैं।
डीएम के आदेश की अवहेलना के बावजूद खनन विभाग और पुलिस की चुप्पी इस अवैध खेल में बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती है।
सरकारी आदेशों को ताक पर रखकर चल रहा मिट्टी का यह खेल, जिले के लिए शर्मनाक है।

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“N I A” की पड़ताल जारी

हमारी टीम इस मामले की तह में जाएगी।
अगली रिपोर्ट में –
🔹 कौन हैं ये माफिया?
🔹 किसकी मिलीभगत से चल रहा ये धंधा?
🔹 और कौन दे रहा इन्हें राजनीतिक संरक्षण?


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