यूपी की एनएचएम निदेशक डा. पिंकी जोवल का फरमान, नपने को तैयार रहें प्रभारी चिकित्साधिकारी

लखनऊ। आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंद मिला तो संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) और एएनएम पर कार्यवाही होगी। जिन आरोग्य मंदिरों पर सीएचओ प्रशिक्षण या किसी कारणवश अनुपस्थित हों, वहां एएनएम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन किया जाएगा।

सीएचओ और एएनएम को एक साथ न तो प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा और न ही छुट्टी दी जाएगी। यह निर्देश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) यूपी की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिए हैं। लोगों को घर के नजदीक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्रों को अपग्रेड कर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तब्दील किया गया है।

यहां तमाम जांचों, टेलीमेडिसिन सुविधा के साथ ही दवाओं की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मगर बीते दिनों में अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान तमाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंद मिले। कहीं सीएचओ के छुट्टी पर होने तो कहीं उसके प्रशिक्षण या प्रशासनिक कार्य से बाहर होने का कारण बताया गया। ऐसे में लोगों को डोर स्टेप पर इलाज की सुविधा में दिक्कत हुई।

इसी समस्या को ध्यान में रखकर आरोग्य मंदिरों को हर हाल में संचालित करने के आदेश जारी किए गए हैं। मिशन निदेशक ने सभी सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि सीएचओ की किसी भी कारण से अनुपस्थिति में वहां तैनात या संबद्ध एएनएम द्वारा हर हाल में केंद्र पर मौजूद रहकर स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन करना होगा। जिन केंद्रों पर सीएचओ की तैनाती ही नहीं है, वहां भी एएनएम को ही केंद्र संचालन की जिम्मेदारी दी जाए।

उनके द्वारा जरूरी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं। सभी सीएमओ, जिला स्तरीय और ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को आरोग्य मंदिरों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं। आरोग्य मंदिर बंद मिला तो सीएमओ संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करेंगे और इसकी सूचना मिशन निदेशक को भी देनी होगी।