कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार को लेकर एफएसडीए (Food Safety and Drug Administration) की ड्रग यूनिट ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। अब इस मामले में तीन और फार्मे एफडीए के रडार पर हैं। शुरुआती जांच में इनके खिलाफ कई पुख्ता सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर छानबीन जारी है।
बीते दिनों एफडीए को ट्रांसपोर्टनगर स्थित ईधिका लाइफसाइंसेज के दस्तावेजों की जांच में अहम सुराग हाथ लगे थे। इसी आधार पर अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट में छापेमारी की गई और श्याम फार्मा को सील किया गया।
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जांच में सामने आया कि श्याम फार्मा ने बड़ी मात्रा में कोडिनयुक्त कफ सिरप सुलतानपुर स्थित विनोद फार्मा को बेचा था, लेकिन विनोद फार्मा के प्रोपराइटर ने इस खरीद से साफ इनकार कर दिया। सुलतानपुर के औषधि निरीक्षक की रिपोर्ट में भी सामने आया कि श्याम फार्मा द्वारा जारी बिल पूरी तरह फर्जी हैं।
इसके बाद एफडीए ने 19 अक्टूबर को अमीनाबाद कोतवाली में श्याम फार्मा के प्रोपराइटर विशाल चौरसिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। सूत्रों के मुताबिक, फर्म के दस्तावेजों से और भी इनपुट मिले हैं, जिनके आधार पर तीन अन्य फर्मों की भी जांच की जा रही है।
अफसरों पर भी जांच की नजर
एफडीए और सीबीएन (Central Bureau of Narcotics) की संयुक्त जांच में यह भी सामने आया है कि इस नेटवर्क में कुछ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत मिले हैं। बाराबंकी सहित कई जिलों में कुछ अफसरों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है।
एफडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर की पर्ची के बिना कोडिनयुक्त कफ सिरप की बिक्री कैसे हो रही है, यह सबसे बड़ा सवाल है। विभाग के कुछ अंदरूनी लोगों की भूमिका भी अब जांच के घेरे में है।
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मुख्य बिंदु (Key Points)
कोडिनयुक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री के नेटवर्क पर एफडीए की कार्रवाई जारी।
श्याम फार्मा के प्रोपराइटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
तीन और फर्में जांच के दायरे में।
विभागीय अफसरों की मिलीभगत की भी जांच।
डॉक्टर की पर्ची के बिना बिक्री पर बड़ा सवाल।
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