एक नवंबर 2025 से बैंक खातों और लॉकरों के लिए अब ग्राहकों को एक के बजाय चार नॉमिनी रखने की सुविधा मिलेगी। यह बदलाव बैंकिंग लॉज (अमेंडमेंट) एक्ट, 2025 के तहत किया गया है, जिसे 15 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में दावों के निपटान को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। अब खाताधारक अपनी सुविधा के अनुसार साइमल्टेनियस (Simultaneous) या सक्सेसिव (Successive) तरीके से नॉमिनी तय कर सकते हैं।
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साइमल्टेनियस नॉमिनेशन
खाताधारक यह तय करेगा कि किस नॉमिनी को कितना प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। इससे भविष्य में विवाद की संभावना कम होगी।
सक्सेसिव नॉमिनेशन
संपत्ति पहले नॉमिनी को दी जाएगी और उसके न रहने पर क्रमवार अगले नॉमिनी को स्थानांतरित होगी।
लॉकर और सेफ कस्टडी सेवाओं के लिए केवल सक्सेसिव नॉमिनेशन का विकल्प रहेगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस नई व्यवस्था से बैंक ग्राहकों को अपनी पसंद के मुताबिक नॉमिनी तय करने में अधिक लचीलापन मिलेगा।
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मंत्रालय जल्द ही नामांकन नियम, 2025 (Nomination Rules, 2025) भी अधिसूचित करेगा, जिनमें नामांकन करने, बदलने या रद्द करने की पूरी प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों का विवरण शामिल होगा।
सरकार ने पहले ही 29 जुलाई 2025 की अधिसूचना में बताया था कि अधिनियम की कुछ धाराएं 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुकी हैं।
मुख्य बिंदु (Key Points)
1 नवंबर 2025 से नया नियम लागू होगा।
बैंक खाते और लॉकर दोनों में अधिकतम चार नॉमिनी बनाए जा सकेंगे।
दो तरह की व्यवस्था: Simultaneous और Successive नॉमिनेशन।
दावे के निपटान में पारदर्शिता और विवाद की संभावना में कमी।
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