महाकुंभ 2025 : प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल महाकुंभ के सपने को साकार कर रही है यूपी सरकार

लखनऊ / प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल महाकुम्भ के विज़न को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साकार कर रहे हैं। योगी सरकार उत्तर प्रदेश के नए 76वें जनपद “महाकुम्भ नगर“ को रिकॉर्ड समय में सभी नागरिक सुविधाओं के साथ बसा रही है। महाकुम्भ में पहली बार मेला को बसाने का काम डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। “महाकुम्भ भूमि एवं सुविधा आवंटन“ की साइट पर भूमि और सुविधाएं एक क्लिक में मिल रही हैं।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण मेले में जमीन आवंटन और मूलभूत सुविधाओं के काम में विभागों की जवाबदेही के साथ पूरी पारदर्शिता बरत रही है। आवेदक अपनी जमीन और मेला में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का स्टेटस ऑनलाइन कभी भी देख सकता है। कुम्भ 2019 में 5500 से अधिक संस्थाओं का सम्पूर्ण विवरण एवं उनके आवंटन का डिजिलाइज़ेशन किया गया है।

इस बार पूरे मेला में 10 हजार से अधिक संस्थाओं का भूमि आवंटन किया जा रहा है, जिसमें सरकारी, आपातकालीन, सामजिक और धार्मिक संस्थाए शामिल हैं। सरकार की इस पारदर्शी व्यवस्था से साधु-संतों और संस्थाओं का काम बिना कतार में लगे आसानी से और जल्द हो रहा है।

गूगल मैप्स पर मुख्य स्थानों को मिली जगह

अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कुम्भ मेला के लिए 25 सेक्टर में फैले 4000 हेक्टेयर क्षेत्र का लेआउट जीआईएस आधारित नक्शे का उपयोग कर तैयार किया गया है। मानसून के पहले और बाद में ड्रोन सर्वेक्षण कर जमीन की टोपोग्राफी और भू-भाग का सटीक नक्शा तैयार किया गया है।

सर्वेक्षणों के माध्यम से हाई रिजॉल्यूशन के नक्शे, जीआईएस बेस लेयर और 0.5 सेमी की एक्युरेसी के साथ जियो-रेफरेंस कैड फाइल तैयार की गई। प्रमुख सार्वजनिक उपयोगिताओं और अन्य आपातकालीन मुख्य स्थानों को श्रद्धालुओं के लिए गूगल मैप्स पर उपलब्ध कराया गया है। इसमें मुख्य रूप से आपातकालीन सेवाएं, थाने, चौकियां, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, अस्पताल, पार्किंग क्षेत्र, फूड कोर्ट, वेंडिंग ज़ोन, शौचालय, पांटून ब्रिज, सड़क इत्यादि शामिल हैं।

सुविधा पर्चियों का किया गया डिजिटलाइजेशन

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पारदर्शिता बरतने और सभी को अवसर देने के लिए जो संस्थाएं कुम्भ 2019 में मेला का हिस्सा रही हैं उनके भी आवेदनों को स्वीकार किया है।

इसके लिए मेला प्राधिकरण ने स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार किया है और पोर्टल पर 29 अक्टूबर से 12 नवम्बर तक आवेदन प्राप्त किए। भूमि और सुविधा आवंटन के लिए कुम्भ 2019 के डेटा का विश्लेषण किया गया और जमीन आवंटन के लिए तय नियमों के अनुसार कार्य किया गया।

मेला प्राधिकरण द्वारा संस्था को दी गई सुविधा पर्ची को वेंडर ऑनलाइन देख सकते हैं और संस्था को दी गई सुविधा को उनके समन्वय के साथ फोटो के साथ अपडेट कर सकते हैं। डिजिटल और ऑनलाइन सुविधा की सबसे बड़ी पारदर्शिता ये है कि आवेदक जब चाहे अपने जमीन के आवंटन सम्बंधित जानकारी और सुविधा का अपडेट देख सकता है और कमियों पर अपनी आपत्ति जता सकता है।

डिजिटलाइजेशन के प्रमुख बिंदु और लाभ

-आवेदनों की सम्पूर्ण जानकारी का डाटा डिजिटलाईज़ेशन और आवेदन की स्थिति की लाइव ट्रैकिंग के साथ आवंटन

-समयबद्ध स्थापना के लिए सुविधा पर्चियों से सम्बंधित विक्रेताओं और सरकारी विभागों में स्वचालित ऑटोमेटेड डाटा फ्लो

-सुविधाओं की स्थापना के फोटोग्राफिक साक्ष्य के साथ सत्यापन के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन और सत्यापन समिति मॉडल

-प्रयागराज मेला प्राधिकरण, कस्टमाइज़्ड एमआईएस रिपोर्ट और व्यापक संस्था विश्लेषण, यह सॉफ्टवेयर प्रयागराज मेला प्राधिकरण को संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा न्यूनतम कतार और भौतिक नियुक्तियों के साथ भूमि और सुविधा आवंटन को समय पर पूरा करने में सक्षम बनाएगा।