हिंदी सिनेमा की दुनिया में शक्ति कपूर एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने कभी खलनायक बनकर दर्शकों को डराया तो कभी अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया। ‘क्राइम मास्टर गोगो’ और ‘नंदू सबका बंदू’ जैसे किरदार आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का उनका सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था। आज वह अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। एनआईए परिवार की ओर से उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं।
मिडिल क्लास फैमिली से शुरुआत
दिल्ली के कनॉट प्लेस में कपड़ों की दुकान चलाने वाले पिता चाहते थे कि शक्ति पढ़ाई के बाद बिज़नेस संभालें। लेकिन बचपन से क्रिकेट के शौकीन शक्ति की दिलचस्पी दुकान में कभी नहीं रही। उन्होंने स्टेट लेवल तक क्रिकेट खेला और स्पोर्ट्स कोटे से दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन लिया।
दोस्तों ने बदल दी किस्मत
एक वक्त पर पिता की दुकान संभालने का डर उन्हें परेशान करता था। तभी दोस्तों ने बिना बताए FTII (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) का फॉर्म भर दिया। लाखों उम्मीदवारों में से सिर्फ 10 लोग चुने गए, जिनमें नसीरुद्दीन शाह और अनिल धवन के साथ शक्ति कपूर भी शामिल थे।
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मिथुन चक्रवर्ती से पहली मुलाकात
FTII के हॉस्टल में उनकी मुलाकात मिथुन चक्रवर्ती से हुई। शुरूआती दिनों में सीनियर्स ने शक्ति की रैगिंग की, जिससे वे घबरा गए और छोड़कर दिल्ली लौटना चाहते थे। लेकिन मिथुन ने उनका साथ दिया और उन्हें हिम्मत दी।
स्ट्रगल के दिन और बड़ा मौका
मुंबई आने के बाद शक्ति कपूर चार साल तक अभिनेता विनोद खन्ना के बंगले में रहे। इसी बीच एक कार एक्सीडेंट उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बना। यह एक्सीडेंट अभिनेता फिरोज़ खान की कार से हुआ और यहीं से उन्हें फिल्म कुर्बानी में पहला बड़ा मौका मिला। इसके बाद वे 80 के दशक के सबसे पॉपुलर विलेन बन गए।
विलेन से कॉमेडी किंग तक
लगातार निगेटिव रोल करने के बाद उन्हें डर था कि कहीं टाइपकास्ट न हो जाएं। फिर उन्होंने कॉमेडी की तरफ रुख किया। मवाली फिल्म के दौरान मिले थप्पड़ों से वे हताश हो गए थे, लेकिन फिल्म सुपरहिट रही और इसके बाद उनकी जोड़ी कादर खान के साथ दर्शकों की पसंदीदा बन गई।
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लव स्टोरी और शादी
किस्मत फिल्म के दौरान उनकी मुलाकात शिवांगी कोल्हापुरी से हुई। उम्र का फासला और फिल्मों में निभाए गए निगेटिव रोल की वजह से शिवांगी के परिवार ने रिश्ता मानने से इनकार कर दिया। आखिरकार 1982 में दोनों ने भागकर शादी की। बाद में बेटे सिद्धांत और बेटी श्रद्धा कपूर के जन्म के साथ परिवार ने भी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया।
नतीजा
शक्ति कपूर ने अपने फिल्मी सफर में 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने साबित किया कि सिनेमा में नेगेटिव किरदार हो या कॉमेडी—अगर टैलेंट हो तो दर्शक हमेशा याद रखते हैं।
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