कानपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की कुर्सी को लेकर बीते दो दिनों से हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। निलंबित CMO डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लेकर दोबारा पद पर काबिज होने की कोशिश की, लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते कि उन्हें दोबारा बेदखल कर दिया गया। इस दौरान कार्यालय में दो दिनों तक कामकाज ठप रहा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।
यह भी पढ़ें: यूपी के लड़की कीमत 50 हजार, आगे कोई और लगाता था बोली
क्या है मामला?
19 जून को कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से विवाद के बाद डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर दिया गया था। उनकी जगह शासन ने डॉ. उदयनाथ को नया CMO नियुक्त किया। लेकिन मंगलवार को नेमी को हाईकोर्ट से निलंबन पर स्टे मिल गया। आदेश मिलते ही वो सीएमओ कार्यालय पहुंच गए और कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने उदयनाथ की नेमप्लेट तक हटवा दी।
गुरुवार को फिर से घमासान
गुरुवार सुबह डॉ. नेमी फिर से दफ्तर पहुंचे और खुद को सीएमओ बताते हुए बैठकें शुरू कर दीं। दोपहर में डॉ. उदयनाथ एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार, एसीपी चकेरी और भारी पुलिस बल के साथ कार्यालय पहुंचे। दोनों के बीच तीखी बहस हुई। अंततः पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद डॉ. नेमी को कुर्सी छोड़नी पड़ी।
नेमी का आरोप
बाहर आकर डॉ. नेमी ने मीडिया से कहा कि पुलिस और प्रशासन ने मुझ पर दबाव बनाकर कुर्सी छुड़वाई है। यह अवमानना है, मैं फिर से हाईकोर्ट जाऊंगा।
यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने कहा, भगवान राम, कृष्ण व शंकर के बिना भारत का पत्ता भी नहीं हिल सकता
ड्यूल आदेशों ने बढ़ाई उलझन
डॉ. उदयनाथ ने अधीनस्थों को निर्देश दिया कि डॉ. नेमी के किसी आदेश को न माना जाए। इसके जवाब में डॉ. नेमी ने बैठक कर अपने आदेशों को मानने का निर्देश दिया और हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया।
दफ्तर में कामकाज ठप
लगातार दो दिनों तक सीएमओ कार्यालय में कामकाज प्रभावित रहा। आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना पड़ा। कर्मचारियों में भी असमंजस का माहौल बना रहा।
यह भी पढ़ें: आजमगढ़ में सीएम योगी ने कहा, राष्ट्रविरोधी-समाजविरोधी तत्वों को मिट्टी में मिला देंगे