रेलवे अस्पताल के गलियारे में कार घुसाई, वीडियो वायरल, अधिकारी खामोश, कर्मचारी भड़के

गलियारे में कार दौड़ाकर अफसर ने मचाई दहशत, वीडियो वायरल-लेकिन कार्रवाई ‘खामोश’

लखनऊ, NIA संवाददाता।

उत्तर रेलवे के इंडोर रेलवे अस्पताल में देर रात जो हुआ, उसने मरीजों और स्टाफ को हक्का-बक्का कर दिया।
मंडल विद्युत अधिकारी चिराग झा अपने घायल रिश्तेदार को लेकर सीधे अस्पताल के आठ फुट चौड़े गलियारे में कार WB3S AZ 4209 दौड़ा लाए—केबिन नंबर-2 तक!

वीडियो वायरल हुआ तो अफसरों ने मामले को दबाने की कोशिश तो की, लेकिन सोशल मीडिया पर हंगामा बढ़ा तो DRM ने अस्पताल गेट पर ब्लॉक लगाने का आदेश दे दिया। मगर कार्रवाई—अब भी खामोश

क्या हुआ था उस रात?

  • घटना 1 दिसंबर की रात करीब 9 बजे की।

  • चिराग झा का एक परीजन रोहित—रेलवे रेस्ट हाउस में फिसलकर घायल हो गया।

  • स्ट्रेचर या वील चेयर की जगह अफसर सीधे कार को अस्पताल के गलियारे में घुसा लाए

  • डॉक्टर मिराज और फिर डॉ. अशोक यादव ने मरीज का इलाज किया।

अस्पताल प्रशासन नाराज़

अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. वी.एस. यान्की बोले—

“गलियारे में कार ले आना अपराध है। हमने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से कर दी है।”

स्टाफ का कहना है—

“मरीज गिरा था, ऐसी हालत में भी स्ट्रेचर से लाना नियम है। 260 किलो वजन का बहाना बिल्कुल गलत है।”

ऑफिसर्स का तर्क और यूनियन का गुस्सा

रेलवे अफसर मामले को दबाने के लिए भारी वजन का तर्क दे रहे हैं, लेकिन स्टाफ और यूनियन के अनुसार यह पूरी तरह झूठ है।

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यूनियन कर्मचारियों का कहना है—

“30 साल में अस्पताल में कभी कार नहीं घुसी। मरीज डर के मारे उठ बैठे थे!”

DRM बोले-“कोई बड़ा मामला नहीं”

DRM सुनील कुमार वर्मा का बयान—

“अस्पताल के गलियारे में कार ले जाना इतना बड़ा मुद्दा नहीं है। दोबारा न हो, इसलिए ब्लॉक लगवाने के निर्देश दिए हैं।”

उनके इस बयान पर कर्मचारियों में नाराज़गी और ज्यादा बढ़ गई है।

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