भारत के पहले राष्ट्रीय डीपटेक सम्मेलन “डीपटेक भारत 2025” का बुधवार को आईआईटी कानपुर से भव्य शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश डीपटेक के क्षेत्र में देश का अगुवा बनेगा। सम्मेलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टर, क्वांटम टेक्नोलॉजी, स्पेस टेक और बायोसाइंसेज जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर केंद्रित रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “भारत डीप टेक 2025” को सफल बनाने के लिए एक प्रभावशाली समिट का आयोजन आवश्यक है और इस दिशा में उत्तर प्रदेश निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने आईआईटी कानपुर को डीपटेक इनोवेशन का केंद्र बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि आईआईटी कानपुर देश के डीपटेक हब के रूप में नई तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करेगा।
यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने कहा, एआई के जमाने में आईआईटी कानपुर का है महत्वपूर्ण योगदान
डीपटेक पॉलिसी 2035 और एआई को-पायलट लॉन्च
सम्मेलन में डीपटेक पॉलिसी 2035, देश का पहला डीपटेक एक्सेलेरेटर और भारत का पहला एआई को-पायलट लॉन्च किया गया। इन पहलों से भारत को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में नई मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीपटेक इकोसिस्टम का लाभ अब केवल महानगरों तक सीमित न रहकर टियर-2 और टियर-3 शहरों के युवाओं और स्टार्टअप्स तक पहुंचेगा। इससे छोटे शहरों का नवाचार सीधे राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर से जुड़ सकेगा। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में इसके लिए भूमि भी आवंटित की गई है।
वैश्विक सहयोग और निवेश का मंच
सम्मेलन में डीआरडीओ, इसरो, एमईआईटीवाई, डीएसी सहित 200 से अधिक वेंचर कैपिटल फर्मों और उद्योग जगत के लीडर्स ने हिस्सा लिया। उम्मीद जताई गई कि इन रणनीतिक चर्चाओं से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में हाई-टेक निवेश और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटी कानपुर के पास वह क्षमता है जो आज की चुनौतियों का समाधान कर सकती है और युवाओं के मन की आशंका को दूर कर सकती है। डीआरडीओ, इसरो और अन्य संस्थाओं के सहयोग से यूपी पूरे देश को नई दिशा देगा।
यह भी पढ़ें : यूपी के इन विश्वविद्यालयों में भरे जाएंगे 948 पद