फार्मासिस्ट-एलटी के भरोसे निपट रहा स्वास्थ्य मेला, मरीजों की सेहत से खिलवाड़
प्रदेश सरकार की मंशा है कि रविवार को लगने वाला मुख्यमंत्री जन आरोग्य स्वास्थ्य मेला ग्रामीण मरीजों को राहत दे, लेकिन बस्ती में हालात ठीक उलट हैं। डीजी हेल्थ लगातार निर्देश जारी कर रहा है, जबकि सीएमओ स्तर पर उदासीनता इतनी है कि मेले का संचालन कंपाउंडर-फार्मासिस्ट के भरोसे कराया जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं सीएमओ भी अन्य सरकारी डॉक्टरों की तरह निजी अस्पतालों पर ज्यादा फोकस तो नहीं कर रहे?
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में मेले की धूम है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि महज कागजों पर मेला पूरा कर दिया जाता है। कई पीएचसी पर डॉक्टरों की ड्यूटी ही नहीं लगाई जा रही। कई जगह फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन ‘डॉक्टर’ बनकर मरीजों को दवा थमा देते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टर समय से पहले अस्पताल छोड़ देते हैं और फर्जी मरीजों की रिपोर्टिंग कर आंकड़े चमकाए जाते हैं।
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बनकटी ब्लॉक
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एडिशनल PHC खोरिया: डॉ. राम प्रकाश का स्थानांतरण, कोई नई तैनाती नहीं। फार्मासिस्ट भीम के भरोसे अस्पताल।
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पकड़ी चंदा: एलटी संदीप यादव मरीजों का इलाज करने को मजबूर।
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PHC एकमा: डॉ. आनंद यादव ने मेला निभाया।
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PHC बनकटी: डॉ. कुमकुम राय ने दोपहर 2 बजे तक सिर्फ 10 मरीज देखे।
रुधौली ब्लॉक
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PHC मुंगरहा और डुमरी: किसी भी डॉक्टर की तैनाती नहीं। फार्मासिस्टों ने मट्ठा दिया।
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डॉ. अनिल मौर्य को सीएचसी संबद्ध कर दिया गया है, अब्दुल कयूम अस्पताल चला रहे।
दुबौलिया ब्लॉक
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PHC दुबौलिया फार्मासिस्ट प्रणवीर सिंह के भरोसे
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होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आलोक उपाध्याय मरीज देख रहे
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PHC चिलमा: डॉक्टर उपस्थित मिले
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अस्पताल परिसर की हालत बेहद खराब
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नालियां चोक, टूटे ढक्कन
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झाड़ियां भर गईं, साफ-सफाई गायब
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भानपुर ब्लॉक
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मेले में सिर्फ BP-शुगर की जांच
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संसाधन और स्टाफ का तेज अभाव
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PHC सगरा: डॉ. बृजनंदन मॉदनवाल — 18 मरीज
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PHC करमहिया: डॉ. अमिष — 22 मरीज
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PHC परसा कुतुब: डॉ. अजय — 33 मरीज
साऊंघाट ब्लॉक
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PHC पैड़ा खरहरा: डॉ. अंकित — 22 मरीज
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PHC ओड़वारा: डॉ. नीलम — 14 मरीज
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आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक अस्पताल सक्रिय
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आयुर्वेद: डॉ. इंद्रबहादुर — 16 मरीज
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होम्योपैथिक: डॉ. वंदना — 28 मरीज
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जांचें: मलेरिया 4, शुगर 3, एचबी 5
निरीक्षण गायब, स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल
अस्पतालों का कोई अचानक निरीक्षण न होने से लापरवाही का बोलबाला है। ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था फार्मासिस्ट-एलटी के भरोसे चल रही है और जन आरोग्य मेले का उद्देश्य पूरी तरह हाशिए पर है।
किसके भरोसे चल रहा स्वास्थ्य मेला?
→ फार्मासिस्ट!
→ लैब टेक्नीशियन!
→ आयुष डॉक्टर!
→ और डॉक्टर साहब? …लापता!
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