नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में मंगलवार को भाजपा पार्षद केएन सिंह और महापौर के बीच तीखी बहस हो गई। खरिका प्रथम वार्ड के पार्षद केएन सिंह का आरोप है कि 15वें वित्त आयोग के फंड में उनके वार्ड को पूरी तरह अनदेखा किया गया है।
उन्होंने टूटी सड़कों की तस्वीरें दिखाते हुए सवाल दागा—
“अगर मेरे वार्ड को विकास की जरूरत नहीं है तो यह लिखकर दे दें!”
पार्षद ने बताया कि वह सरोजनी नगर से BJP विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रतिनिधि भी हैं, लेकिन
“उनके विधानसभा क्षेत्र के दोनों वार्डों को एक पैसा नहीं मिला। यह खुला पक्षपात है।”
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महापौर पर ‘विशेषाधिकार’ का दावा करने का आरोप
केएन सिंह के अनुसार, उन्होंने जब यह मामला नगर आयुक्त के सामने रखा तो
महापौर ने नाराज होकर कहा—
“किस वार्ड में काम देना है, किसमें नहीं — यह मेरा विशेषाधिकार है।”
महापौर का सफाई —
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प्राथमिकता के आधार पर काम दिया गया
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बजट आने पर बाकी वार्डों को भी शामिल करेंगे
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पक्षपात का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद
अन्य बीजेपी पार्षद भी बोले — “हमारे वार्ड भी सूखे”
बैठक के बाहर कई भाजपा पार्षदों ने भी यही आरोप दोहराया—
“15वें वित्त मद से हमारे वार्ड में भी एक रुपए का काम नहीं!”
यानी मामला सिर्फ एक पार्षद बनाम महापौर नहीं
भाजपा के अंदर ही असंतोष उबल रहा है।
दूसरा विवाद: CM ग्रिड योजना का डिजाइन बदला?
केएन सिंह ने यह भी गंभीर आरोप लगाया—
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उनके वार्ड में 70 करोड़ की सड़क योजना
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पहले 5 वार्डों को जोड़ती थी
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अब सिर्फ हिंद नगर वार्ड में ही घुमा दी गई
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चौड़ी सड़क की योजना को गलियों में मोड़ दिया गया
महापौर का पलटवार—
“योजना में सड़क चुनाव की गाइडलाइन तय है। शिकायत निराधार।”
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राजनीतिक निहितार्थ
BJP शासित नगर निगम में
BJP पार्षद बनाम BJP महापौर
यह विवाद दो संकेत देता है—
1️⃣ वॉर्ड-आधारित फंडिंग में भेदभाव के आरोप गंभीर हैं
2️⃣ सरोजनी नगर से जुड़े नेता नाराज़ हो रहे हैं — चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण
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