संभल जनपद में स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे अवैध मेडिकल कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार और नोडल अधिकारी मनोज चौधरी ने सैयद मार्केट स्थित वीनस अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापा मारकर चौकाने वाले तथ्य उजागर किए।
मौके पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। सेंटर का संचालन 12वीं पास युवक महबूब द्वारा किया जा रहा था, जिसके पास न तो लाइसेंस था और न कोई मेडिकल योग्यता।
सीलबंद लिफाफों में मिला कमीशन का खेल
जांच के दौरान टीम को तीन युवतियां सेंटर के अंदर मिलीं।
वहीं, सीलबंद लिफाफों में नकदी और डॉक्टरों व अस्पताल संचालकों के नाम की सूची बरामद की गई।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि यह रकम उन डॉक्टरों और झोला छाप चिकित्सकों को दी जाती थी जो मरीजों को इस अवैध सेंटर तक भेजते थे। यह पूरा नेटवर्क कमीशनखोरी के संगठित रैकेट के रूप में काम कर रहा था।
प्रशासन के अधिकारी बोले, “जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”
सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार ने बताया कि यह सेंटर बिना वैध अनुमति के चल रहा था।
उन्होंने कहा, “सेंटर के माध्यम से मरीजों का शोषण किया जा रहा था और स्वास्थ्य नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। यह मामला बेहद गंभीर है।”
नोडल अधिकारी मनोज चौधरी ने कहा कि मिले दस्तावेजों और लिफाफों के आधार पर जिले के अन्य अस्पतालों व क्लीनिकों की भी जांच होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध केंद्रों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सेंटर सील, मुकदमे की तैयारी
प्रशासनिक टीम ने मौके पर ही वीनस अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर दिया। मामले में अब PNDT Act (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।




