बरेली में सोमवार की बैठक किसी औपचारिक चर्चा से कम और कड़े संदेशों के मंच से ज्यादा लग रही थी। जिलाधिकारी अविनाश सिंह और SSP अनुराग आर्य ने साफ़ बता दिया। अब जिला अवैध ठिकानों का अड्डा नहीं बनेगा। जो बिना पहचान के रह रहा है, उसकी अब हर हाल में जांच होगी।
जिलाधिकारी का संदेश दो टूक-“कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ हुआ तो परिणाम कड़े होंगे।”
इसके बाद SSP अनुराग आर्य का बयान माहौल और सख़्त कर गया-“बिना दस्तावेज वाले विदेशी नागरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं, अब ज़रा भी ढिलाई नहीं चलेगी।
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पूरे जिले में ज़ोरदार पड़ताल शुरू,किसी सुराग को हल्के में नहीं लिया जाएगा
अधिकारियों को आदेश:
रोड किनारे तंबू-झुग्गियों से लेकर निर्माण स्थलों तक हर जगह सर्च
रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में कड़ी निगरानी
होटल, धर्मशाला और किरायेदार-सब की पहचान तसल्ली से चेक
छात्रों और कामगारों के रिकॉर्ड की डिटेल स्कैनिंग
और जो ज़रा भी संदिग्ध लगे-उसकी पृष्ठभूमि पूरी तरह खंगाली जाएगी
डिटेंशन सेंटर तैयार,अब फास्ट-ट्रैक सत्यापन
राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे।
सत्यापन पूरा होने तक संदिग्ध व्यक्ति वहीं रहेंगे, और प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें मूल देश भेजने की तैयारी की जाएगी।
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अधिकारियों को अलर्ट मोड, ‘पहले होमवर्क पूरा करो, फिर कार्रवाई करो’
SSP ने साफ कहा कि अब आधे-अधूरे काम की कोई जगह नहीं।
“संदिग्ध का दावा नहीं, उसके दस्तावेज़ बोलेंगे—और दस्तावेज़ न हों तो जांच बोलती है।”
नगर निगम को शहरभर में काम कर रहे और रह रहे लोगों का विस्तृत सर्वे कर तुरंत सूची सौंपने के निर्देश हैं।
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