उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित ज़हरीली कफ सिरप कांड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज कर ली है। लखनऊ ज़ोन में ECIR रजिस्टर होने के साथ ही एजेंसी ने मनी-लॉन्ड्रिंग एंगल पर तेज़ जांच शुरू कर दी है।
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एजेंसी ने यह कदम यूपी पुलिस की FIRs, ड्रग कंट्रोल विभाग की रिपोर्ट और केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट्स के आधार पर उठाया है। इस कदम के बाद ED अब फाइनेंशियल ट्रेल, हवाला लिंक, फर्जी कंपनियों और संदिग्ध कैश मूवमेंट की गहन जांच में जुट गई है।
ED की एंट्री क्यों हुई?
यह मामला तब बड़ा बना जब यूपी पुलिस और ड्रग कंट्रोल टीमों ने कई जिलों में छापेमारी कर अवैध, संदिग्ध या मिलावटयुक्त कफ सिरप की भारी खेपें बरामद की थीं।
कई स्टॉक रिकॉर्ड और इनवॉइस फर्जी पाए गए
कोडीनयुक्त सिरप की सप्लाई का रूट संदिग्ध पाया गया
बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन और इंटर-स्टेट नेटवर्क की पुष्टि हुई
ED को शुरुआती जांच में ऐसे संकेत मिले थे कि कफ सिरप की अवैध बिक्री से कमाया गया पैसा फर्जी डिस्ट्रीब्यूटर्स और शेल फर्मों के जरिए घुमाया जा रहा था।
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ED की जांच का फोकस
1. अवैध कमाई का स्रोत
ED इस बात की जांच कर रही है कि कफ सिरप की अवैध बिक्री से कितनी कमाई हुई और उसे कैसे छुपाया गया।
2. शेल कंपनियों का नेटवर्क
GST रिटर्न, बैंक ट्रांजैक्शन और डिजिटल लेजर खंगाले जा रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि किन फर्जी फर्मों के जरिए पैसों का मूवमेंट हुआ।
3. सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स
एजेंसी कफ सिरप की खेपों को भेजने में शामिल ट्रांसपोर्टर्स, वेयरहाउस और मध्यस्थों की भूमिका की जांच कर रही है।
4. बैंकिंग ट्रेल व प्रॉपर्टी
ED के फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स आरोपी पक्ष के बैंक अकाउंट, संपत्ति खरीद और निवेश पैटर्न की जांच कर रहे हैं।
जरूरत पड़ने पर जल्द ही अटैचमेंट कार्रवाई हो सकती है।
लखनऊ में ECIR दर्ज होने का महत्व
लखनऊ ज़ोन में ECIR रजिस्टर होने के बाद ED को अब यह अधिकार मिल गया है कि वह—
संदिग्धों को समन भेज सके
देशभर में छापेमारी कर सके
बैंक अकाउंट फ्रीज कर सके
डिजिटल डिवाइस व कम्युनिकेशन जब्त कर जांच कर सके
जांच का दायरा आगे चलकर कई राज्यों तक बढ़ने की संभावना है।
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स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रकरण ने यह उजागर कर दिया है कि फार्मा उत्पादों को अवैध चैनलों में भेजने का नेटवर्क बेहद सक्रिय है।
ज़हरीले या मिलावटयुक्त सिरप का मिलना इस बात का संकेत है कि—
कुछ कंसाइनमेंट रास्ते में छेड़े गए
या कई सिरप बिना लाइसेंस तैयार किए गए
दोनों ही स्थितियां मनी-लॉन्ड्रिंग के तहत गंभीर अपराध मानी जाती हैं।
आगे क्या होगा?
ECIR दर्ज होने के बाद ED अब—
छापेमारी की तैयारी कर रही है
मुख्य आरोपियों और कंपनियों के डायरेक्टरों को समन भेजेगी
यूपी पुलिस, CDSCO और NCB के साथ संयुक्त जांच आगे बढ़ाएगी
अवैध कमाई साबित होने पर PMLA के तहत मामला दर्ज करेगी
एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामला अब “तेज़-तर्रार साक्ष्य जुटाने के चरण” में है।
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