उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद स्थित न्यू मेडिसिन मार्केट में स्थित न्यू मंगलम एजेंसी अब नारकोटिक दवाओं की सबसे बड़ी संदिग्ध तस्करी केंद्र के रूप में सामने आई है। नारकोटिक्स कंट्रोल एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि यह एजेंसी बिना बिलिंग के प्रतिबंधित दवाएं दिल्ली और विदेशों तक भेज रही थी।
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सीबीएन ने मारा छापा, कर्मचारी गिरफ्तार
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (CBN) की टीम ने हाल ही में न्यू मंगलम एजेंसी पर छापा मारा और वहां से एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क दिल्ली में दवा की कालाबाजारी करने वालों से जुड़ा हुआ है। एजेंसी से नारकोटिक्स की दवाएं बिना बिलिंग के दिल्ली भेजी जा रही थीं, जो सीधे नियमों का उल्लंघन है।
श्याम एजेंसी में भी संदिग्ध आपूर्ति
CBN की छानबीन में यह भी सामने आया है कि आलमनगर स्थित श्याम एजेंसी, जहां से एनडीपीएस एक्ट में आरोपी आशीष त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया, वहां भी न्यू मंगलम एजेंसी से दवाएं बिना बिल के भेजी गई थीं।
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गिरफ्तारियां जल्द, कई सुराग हाथ लगे
CBN और FSDA की संयुक्त जांच में यह दावा किया गया है कि न्यू मंगलम एजेंसी से जुड़े कई लोग इस अवैध कारोबार में संलिप्त हैं। एजेंसियों को इस सिंडिकेट से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं और जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां संभव हैं।
दिल्ली से विदेश तक फैला तस्करी रैकेट
जांच में सामने आया है कि यह नारकोटिक्स सिंडिकेट न सिर्फ दिल्ली बल्कि नेपाल और अन्य देशों तक सक्रिय है। एजेंसी के एक कर्मचारी से मिली जानकारी के आधार पर कई अन्य दवा कारोबारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
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‘कैरियर’ के जरिए होती है आपूर्ति
मेडिसिन मार्केट में कुछ कैरियर (वाहक) सक्रिय हैं, जो दुकानों से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दवाएं उठाकर तस्करों तक पहुंचा रहे हैं। इस प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों और बिना पर्चे के दवाएं बेची जा रही हैं, जो सीधे तौर पर NDPS एक्ट का उल्लंघन है।
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नशे के लिए हो रहा दुरुपयोग
नारकोटिक्स की कई जीवनरक्षक दवाएं, जिन्हें केवल डॉक्टर की पर्ची पर दिया जाना चाहिए, अब नशे के रूप में दुरुपयोग हो रही हैं। इन दवाओं की सबसे ज्यादा मांग नेपाल और बांग्लादेश में बताई जा रही है, जहां मोटे मुनाफे के लालच में तस्करी की जा रही है।