कोहरे ने बिगाड़ी उड़ानों की रफ्तार, यात्रियों की सहनशक्ति की ली परीक्षा

लखनऊ, NIA संवाददाता।

अमौसी एयरपोर्ट पर मंगलवार सुबह घने कोहरे ने हवाई यातायात को लगभग ठप कर दिया। हालांकि सर्दियों में कोहरा नया नहीं, मगर इस बार इसकी मार इतनी तीव्र रही कि लखनऊ से उड़ान भरने वाली लगभग 40 में से करीब 20 उड़ानें देरी का शिकार हो गईं। दिल्ली, मुंबई, इंदौर, जयपुर और गोवा जैसे प्रमुख गंतव्यों के लिए उड़ानें एक से डेढ़ घंटे तक लेट हुईं। दो उड़ानों को तो मजबूरन रद्द करना पड़ा।

स्थिति केवल प्रस्थान तक सीमित नहीं रही, बल्कि आगमन उड़ानों पर भी इसका उतना ही असर दिखा। अन्य शहरों से आने वाली 41 फ्लाइटों में से 20 निर्धारित समय पर लखनऊ नहीं पहुंच सकीं। कुछ 45 मिनट तो कुछ डेढ़ घंटे तक हवा में ही फंसी रहीं या ग्राउंड पर क्लियरेंस का इंतजार करती रहीं। अंततः एक आगमन उड़ान भी रद्द करनी पड़ी।

यात्रियों की परेशानी और सूचना तंत्र की विफलता

एयरपोर्ट टर्मिनल पर सुबह से ही यात्रियों का धैर्य बार-बार परीक्षा देता दिखा। देरी से परेशान यात्रियों की भीड़ बढ़ती गई, वहीं एयरलाइंस के सूचना तंत्र की खामियां भी उजागर हुईं। कई यात्रियों ने शिकायत की कि देरी की सूचना उन्हें समय रहते नहीं दी गई, जिसके कारण कनेक्टिंग फ्लाइटें छूट गईं और यात्रा योजनाएं अस्त-व्यस्त हो गईं।

सोशल मीडिया पर भी कई पैसेंजर्स ने एयरलाइंस के प्रति नाराजगी जताई। उनका कहना था कि खराब मौसम समझ में आने वाली बात है, लेकिन सूचना प्रबंधन में सुधार की तत्काल जरूरत है। आज की डिजिटल दुनिया में अंतिम समय पर मैसेज या अपडेट मिलना स्वीकार्य नहीं हो सकता।

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एयरलाइंस की चुनौतियां और मौसम की सच्चाई

घना कोहरा पायलटों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण मौसमीय स्थितियों में गिना जाता है। विजिबिलिटी कम होने से टेकऑफ और लैंडिंग प्रक्रियाएं मुश्किल हो जाती हैं। एयरलाइंस के लिए सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए उड़ानों की देरी और रद्दगी भले यात्रियों को असुविधा दे, लेकिन यह किसी दुर्घटना से कहीं अधिक स्वीकार्य है।

फिर भी यह सवाल उठता है कि हर साल आने वाले कोहरे के लिए एयरपोर्ट और एयरलाइंस पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं कर पाते? उन्नत नेविगेशन सिस्टम, बेहतर रनवे विजुअल रेंज तकनीक और मजबूत सूचना तंत्र इस तरह की स्थितियों में यात्रियों को राहत दे सकते हैं।

आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ेगी

लखनऊ एयरपोर्ट पर घने कोहरे ने जहां हवाई यात्राओं की रफ्तार रोक दी, वहीं व्यवस्थाओं की खामियों को भी उजागर कर दिया। मौसम पर नियंत्रण नहीं, पर सूचना प्रबंधन और तकनीकी तैयारी पर अवश्य है। आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ेगी। ऐसे में उम्मीद यही है कि संबंधित एजेंसियां यात्रियों के समय और सुविधा को ध्यान में रखते हुए अधिक प्रभावी कदम उठाएंगी।

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