“बिना घूस कोई काम नहीं होगा” यही शिक्षा विभाग का असली चेहरा है। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात क्लर्क देवीदीन को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया।
यह घूस एक शिक्षक का चयन वेतनमान लगाने के नाम पर मांगी गई थी। शिकायतकर्ता शिक्षक सर्वराज सिंह की फाइल दो महीने से देवीदीन की मेज पर धरी रही। दो अन्य शिक्षकों का वेतनमान आसानी से लग गया, लेकिन सर्वराज का काम अटकाकर देवीदीन ने खुलेआम 5 हजार की मांग की।
यह भी पढ़ें : गोकुलदास हिंदू गर्ल्स कॉलेज मुरादाबाद : चित्रण कार्यशाला में छात्राओं ने सीखी टाई एंड डाई, ब्लॉक पेंटिंग और लिप्पन आर्ट
तंग आकर शिक्षक ने एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत की। सोमवार को जब सर्वराज सिंह ने केमिकल लगे नोटों में घूस दी, तो ACB की टीम पहले से घात लगाकर बैठी थी। जैसे ही नोट हाथ में आए, देवीदीन रंगे हाथ पकड़ा गया।
अब उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में FIR दर्ज हो चुकी है और वह सिविल लाइंस थाने की हवालात में है।
यह भी पढ़ें : दुबई से ऑर्डर – यूपी में चोरी! मुरादाबाद में इंटरस्टेट लग्जरी कार गैंग का पर्दाफाश
यह मामला सिर्फ एक क्लर्क का नहीं, बल्कि इस बात का सबूत है कि शिक्षा विभाग में वेतनमान और प्रमोशन भी घूस के तराजू पर तौले जाते हैं। जनता का सवाल सीधा है, क्या शिक्षा विभाग बच्चों को उजाला देगा या अधिकारियों के जेब भरने का अड्डा बना रहेगा?
यह भी पढ़ें : करोड़ों के प्लॉट हड़पे, LDA अफसर बने दलाल–फर्जीवाड़े का काला सच उजागर