बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री महिलाओं की करते हैं तस्करी !

लखनऊ, एनआईए संवाददाता। 

लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन एक बार फिर अपने विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर दो पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार की व्यापार नीतिऔर बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर तीखे आरोप लगाए।

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सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट

पहला पोस्ट – धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप, धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है! इसकी गहन जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर धीरेंद्र को फांसी होनी चाहिए।

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दूसरा पोस्ट – केंद्र सरकार पर हमला, पहले भारतीयों के हाथ में हथकड़ी, फिर सीजफायर की धमकी, अब 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माना। मोदी जी की ट्रंप से दोस्ती की और कितनी कीमत देश चुकाएगा

रविकांत चंदन की सफाई

प्रोफेसर रविकांत ने मीडिया से बातचीत में कहा, मैंने जो पोस्ट किया है, वह सोच-समझकर किया है। मैं अपनी बात पर अब भी कायम हूं।

पुराना विवादों से रहा है नाता

जून 2025: उन्होंने एक पोस्ट में मुस्कान और सोनम रघुवंशी*को “संघी विचार की उपज” बताया था। इस पर हसनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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 मई 2022:  ज्ञानवापी विवाद पर टिप्पणी के बाद छात्रों ने मारपीट की थी। एक छात्र को निष्कासित भी किया गया।

विश्वविद्यालय प्रशासन को पहले भी कई बार उनके सोशल मीडिया व्यवहार पर आपत्ति रही है।

 क्या होगी कार्रवाई?

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि पोस्ट की विधिक समीक्षा की जा रही है। यदि पोस्ट विश्वविद्यालय की गरिमा या कानून का उल्लंघन करती है, तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बागेश्वर धाम या सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं

इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक न तो धीरेंद्र शास्त्री और न ही केंद्र सरकार की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है।

शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े वरिष्ठ पदों पर बैठे शिक्षकों के सामाजिक और राजनीतिक बयानों का समाज और छात्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में प्रो. रविकांत चंदन का यह सार्वजनिक आरोप निश्चित ही एक नए विवाद की शुरुआत कर सकता है।

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