ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश का पहला विदेशी विश्वविद्यालय खुलने का रास्ता साफ हो गया है। वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (Western Sydney University—WSU) और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के बीच औपचारिक साझेदारी के बाद यह बड़ा कदम उठाया गया है। इससे प्रदेश के युवाओं को वैश्विक शिक्षा और कौशल विकास का लाभ अब अपने ही प्रदेश में मिल सकेगा।
WSU दुनिया में SDGs पर सामाजिक प्रभाव के मामले में शीर्ष रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी मानी जाती है और एग्रीटेक में विशेषज्ञता रखती है, जो उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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40,000 वर्ग फुट में शुरू होगा अंतरिम कैंपस
पहला चरण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ऑफिस कॉम्प्लेक्स में लगभग 40,000 वर्ग फुट क्षेत्र में शुरू होगा। बाद में विश्वविद्यालय अपना अलग कैंपस विकसित करेगा।
इस पहल के साथ डेटा साइंस, बिजनेस एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सस्टेनेबिलिटी, वॉटर मैनेजमेंट, एग्रीटेक और इनोवेशन जैसे भविष्य-केंद्रित क्षेत्रों में युवाओं को विश्व-स्तरीय शिक्षण, रिसर्च और उद्योग आधारित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
भारत–ऑस्ट्रेलिया सहयोग का नया अध्याय
यह साझेदारी भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझा दृष्टि को मजबूत करती है—युवाओं को सक्षम बनाना, स्थायी विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा वाले कौशल विकसित करना।
उत्तर प्रदेश सरकार, ऑस्ट्रेलियाई सरकार, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, GNIDA और देश के उच्च शिक्षा तंत्र के सहयोग से यह परियोजना साकार हो पाई है।
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नई पीढ़ी की आकांक्षाओं से सीधा जुड़ाव
नया कैंपस सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि ज्ञान, नवाचार और युवा आकांक्षाओं को जोड़ने वाला पुल माना जा रहा है। इससे प्रदेश के छात्रों को अब विदेश जैसे शैक्षणिक अवसर यहीं पर उपलब्ध होंगे, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।
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