उत्‍तराखंड के धराली में बादल फटने से मची तबाही, 4 की मौत, कई लापता; राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी

देहरादून, एनआईए संवाददाता। 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में सोमवार रात हुई भीषण प्राकृतिक आपदा ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। हर्षिल घाटी में स्थित इस गांव में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने अब तक चार लोगों की जान ले ली, जबकि 10 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। क्षेत्र में भारी तबाही के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

प्रशासन द्वारा अब तक की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बाढ़ की चपेट में आकर 20 से 25 होटल और होमस्टे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। खीरगंगा नदी में आई जलप्रलय ने न केवल भवनों को बहा दिया, बल्कि सड़कों, पुलों और संचार माध्यमों को भी नुकसान पहुंचाया है।

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मुख्यमंत्री पहुंचे कंट्रोल रूम, निगरानी कर रहे हैं राहत कार्यों की

घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना तयशुदा दौरा निरस्त कर देहरादून स्थित राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष (SEOC) पहुंच राहत और बचाव कार्यों की सीधे निगरानी शुरू की। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को युद्धस्तर पर राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा क‍ि हम हर हाल में प्रभावित लोगों तक तत्काल सहायता पहुंचाएंगे। स्थिति पर मेरी पूरी नजर है और हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं।

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एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम तैनात

सरकार ने घटना के बाद एनडीआरएफ के 50 जवान दिल्ली से, एसडीआरएफ के 30 जवान गंगोत्री से, और आईटीबीपी के 30 जवान तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना किए हैं। इसके अतिरिक्त ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे, विक्टिम लोकेशन डिवाइस, और अन्य अत्याधुनिक उपकरण राहत कार्यों के लिए भेजे गए हैं।

हेलीकॉप्टर और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर अलर्ट मोड पर

नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UKADA) द्वारा दो हेलीकॉप्टर राहत और बचाव कार्यों के लिए स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। साथ ही, AIIMS ऋषिकेश, उत्तरकाशी जिला अस्पताल, हर्षिल और भटवाड़ी पीएचसी को अलर्ट पर रखा गया है। घायलों के इलाज के लिए बेड, दवाइयाँ और एम्बुलेंस सेवाएं तैयार रखी गई हैं।

मौसम बना बाधा, फिर भी राहत कार्य तेज

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके, BRO और PWD की टीमें रास्ते खोलने में जुटी हुई हैं।

केंद्र से मिल रही है मदद

प्रभारी मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को घटना की पूरी जानकारी दी जा चुकी है। केंद्र सरकार ने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

स्थानीय लोगों की आंखों देखी

घटना के चश्मदीद और स्थानीय निवासी मोहन सिंह ने बताया क‍ि रात करीब 1 बजे अचानक तेज आवाज हुई। जब तक कुछ समझ पाते, खीरगंगा नदी उफान पर थी और होटलों को बहाती चली गई। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला।

राहत कार्य जारी, स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं अधिकारी

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सभी प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और राहत शिविरों की स्थापना की जा रही है। सरकार की ओर से आपदा प्रभावित परिवारों को त्वरित आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

अधिकृत अपडेट के लिए बने रहें (एनआईए) पर
आपातकालीन हेल्पलाइन: 1070 (राज्य) | 112 (आपातकालीन सेवा)

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