हरिद्वार मनसा देवी मंदिर हादसा: मुख्यमंत्री धामी ने दिए सभी धार्मिक स्थलों पर विशेष सुरक्षा व पंजीकरण के निर्देश

हरिद्वार, एनआईए संवाददाता ।

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक कर प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और मूलभूत सुविधाओं को लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि रविवार सुबह मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर हुई भगदड़ में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश: धार्मिक स्थलों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हरिद्वार, टनकपुर, नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी जैसे जिलों में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे चंडी देवी मंदिर, पूर्णागिरि धाम, कैंची धाम, जागेश्वर धाम और नीलकंठ महादेव मंदिर  में श्रद्धालुओं की संख्या के अनुरूप भीड़ नियंत्रण, पंजीकरण और ढांचागत सुविधाओं की व्यवस्था सुदृढ़ की जाए।

नई समितियाँ गठित होंगी

धामी ने निर्देश दिया कि दोनों मंडलों — गढ़वाल और कुमाऊँ — में मंडलायुक्तों की अध्यक्षता में समिति गठित की जाए। इसमें जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर विकास प्राधिकरण और अन्य कार्यदायी एजेंसियों को शामिल किया जाएगा।

 मनसा देवी मंदिर के लिए विशेष योजनाएं

मुख्यमंत्री ने मनसा देवी मंदिर परिसर के सुव्यवस्थित विकास, वहन क्षमता में वृद्धि और दुकानों के नियमन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दर्शन पंजीकरण आधारित और चरणबद्ध प्रणाली से हो, ताकि किसी श्रद्धालु को असुविधा न हो और भीड़ काबू में रहे।

पैदल मार्ग का चौड़ीकरण व अतिक्रमण हटाने पर ज़ोर

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि मंदिरों तक जाने वाले पैदल मार्गों, सीढ़ियों को चौड़ा किया जाए, अतिक्रमण हटाया जाए और साफ-सफाई के साथ आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं भी मुहैया कराई जाएं।

 मुख्य बिंदु संक्षेप में

  • मनसा देवी मंदिर भगदड़ में 8 की मौत, 30 घायल
  • सभी धार्मिक स्थलों पर व्यवस्था सुधारने के सीएम के निर्देश
  • दोनों मंडलों में उच्चस्तरीय समितियाँ गठित होंगी
  • श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा
  • दर्शन प्रक्रिया को चरणबद्ध और नियंत्रित बनाया जाएगा

 

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