वॉशिंगटन पोस्ट को लखनऊ सिविल कोर्ट का नोटिस, फर्जी खबर पर दायर हुआ सिविल वाद

लखनऊ, एनआईए संवाददाता।
सिविल जज (जूनियर डिवीजन), हवाली, लखनऊ की न्यायालय ने आज अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचार पत्र वॉशिंगटन पोस्ट को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा दायर एक सिविल वाद के संबंध में जारी किया गया है।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश आम महोत्सव- 2025: 800 से अधिक किस्मों के आमों की लगी प्रदर्शनी

अमिताभ ठाकुर ने अपने वाद में कहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट ने दिनांक 4 जून 2025 को प्रकाशित एक समाचार में यह दावा किया था कि भारतीय सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती ने एक भारतीय पत्रकार के माध्यम से पाकिस्तानी सेना प्रमुख के गिरफ्तार होने से संबंधित फर्जी समाचार (Fake News) को बढ़ावा दिया। ठाकुर ने इसे न केवल गलत और बेबुनियाद बताया, बल्कि इसे हर भारतीय के लिए अपमानजनक करार दिया।

यह भी पढ़ें: एमडब्ल्यू, गूगल, यूनिलीवर, प्राडा, लेगो जैसी वैश्विक कंपनियों से यूपी करेगा संवाद

उन्होंने इस खबर को लेकर वॉशिंगटन पोस्ट को पूर्व में लीगल नोटिस भेजा था, जिसमें उन्होंने समाचार से संबंधित सबूत या प्रमाण सार्वजनिक करने की मांग की थी। लेकिन समाचार पत्र द्वारा समय रहते ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया।इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप अमिताभ ठाकुर ने अदालत में 100 रुपये की सांकेतिक क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए एक सिविल सूट दाखिल किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए वॉशिंगटन पोस्ट को नोटिस जारी किया है। ठाकुर ने अपने वाद में यह भी कहा कि इस प्रकार की फर्जी और भ्रामक रिपोर्टिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है और इससे भारतीय मीडिया संस्थानों की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।

क्या है अगला कदम?

अब अदालत द्वारा वॉशिंगटन पोस्ट से इस विषय में जवाब तलब किया गया है। यह मामला भारत में विदेशी मीडिया की भूमिका, जवाबदेही और प्रेस की सीमाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण नजीर बन सकता है।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को मिली स्वीकृति, अयोध्या और गाजियाबाद को मिलेगा उच्च शिक्षा में बढ़ावा

Scroll to Top