बीएमडब्ल्यू, गूगल, यूनिलीवर, प्राडा, लेगो जैसी वैश्विक कंपनियों से यूपी करेगा संवाद

डेटा सेंटर, एआई सिटी, ईवी बैटरी और टेक्सटाइल पार्क जैसे प्रोजेक्ट्स यूपी को बना रहे हैं निवेशकों की पसंद

लखनऊ, एनआईए संवाददाता।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक बड़े और भरोसेमंद विकल्प के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है। ‘चाइना+1’ रणनीति को केंद्र में रखते हुए प्रदेश की निवेश प्रोत्साहन इकाई इन्वेस्ट यूपी ने अमेरिका, यूरोप और यूके में हाई-प्रोफाइल रोड शो और राउंडटेबल मीटिंग्स आयोजित करने की घोषणा की है। इस अंतरराष्ट्रीय आउटरीच का उद्देश्य चीन पर निर्भरता कम करने की चाह रखने वाली वैश्विक कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करना है। यूपी सरकार का यह प्रयास प्रदेश को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

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अमेरिका से लेकर यूरोप तक निवेश आमंत्रण

न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, लॉस एंजेल्स, लंदन, पेरिस, फ्रैंकफर्ट, मिलान, एम्स्टर्डम और बर्मिंघम जैसे शहरों में बी2जी मीटिंग्स और बिजनेस राउंडटेबल आयोजित की जाएंगी। इन कार्यक्रमों का आयोजन भारतीय दूतावासों, यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC), सीआईआई और फिक्की जैसे प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ मिलकर किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट अज्योर, अमेज़न वेब सर्विसेज, ओरेकल, इक्विनिक्स, स्केचर्स, मैटल, राल्फ लॉरेन और कोच जैसी कंपनियों से संवाद किया जाएगा तो वहीं, यूरोप और यूके में बीएमडब्ल्यू, बॉश, बीएएसएफ, प्राडा, वर्साचे, लेगो, यूनिलीवर, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) जैसी कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा।

वैश्विक सप्लाई चेन का नया गंतव्य बन रहा यूपी

(जियोपॉलेटिकल टेंशन) और वैश्विक सप्लाई चेन में बदलावों के दौर में यूपी अब वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों का विकल्प बनने की क्षमता दिखा रहा है। राज्य के पास मजबूत बुनियादी ढांचा, क्षेत्रीय नीति प्रोत्साहन और देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता आधार है, जो इसे विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बनाता है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, हम सिर्फ निवेश आमंत्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि यूपी में दीर्घकालिक मूल्य श्रृंखलाएं और रोजगार-संचालित सतत विकास का आधार बना रहे हैं। हम एक व्यापक रणनीति को लागू कर रहे हैं, जिसमें क्षेत्र-विशिष्ट औद्योगिक नीतियां, समयबद्ध अनुमतियां और व्यापार सुगमता के लिए निरंतर सुधार शामिल हैं। विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सबसे बड़े उपभोक्ता आधार के साथ, ये पहल उत्तर प्रदेश को घरेलू और वैश्विक दोनों निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित कर रही हैं।

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तेजी से बढ़ता निवेश विश्वास

उत्तर प्रदेश अब न सिर्फ भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी खुद को एक भरोसेमंद, प्रतिस्पर्धी और दीर्घकालिक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित कर रहा है। ‘चाइना+1’ रणनीति के तहत की जा रही ये कोशिशें यूपी को अगला वैश्विक औद्योगिक पावरहाउस बना सकती हैं। 2024-25 में उत्तर प्रदेश ने पूरे भारत में सबसे अधिक नई फैक्ट्री पंजीकरण दर्ज किए। यह निवेशकों के बढ़ते विश्वास और “निवेश मित्र” जैसे सिंगल विंडो पोर्टल की दक्षता का प्रमाण है। राज्य की 33+ सेक्टर आधारित नीतियां और अनुमोदन में तेजी यूपी को निवेश के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार बनाती हैं।

सेक्टर-वाइज बूस्ट: टेक्सटाइल से लेकर एआई सिटी तक

▪️सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स: 3,700 करोड़ का HCL-फॉक्सकॉन OSAT निवेश

▪️टेक्सटाइल पार्क: एक पीएम मित्र मेगा पार्क और 10 मिनी टेक्सटाइल क्लस्टर

▪️ईवी नीति 2023: 2028 तक 36 जीडब्ल्यूएच बैटरी उत्पादन क्षमता का लक्ष्य

▪️डेटा सेंटर और एआई सिटी: नोएडा-ग्रेटर नोएडा को राष्ट्रीय एआई और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर हब के रूप में विकसित किया जा रहा

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