खरीफ सीजन में खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। बलरामपुर जिले में खाद वितरण में लापरवाही और कालाबाजारी की शिकायतों के बाद वहां के जिला कृषि अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इससे पहले सीतापुर के जिला कृषि अधिकारी के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की जा चुकी है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
कृषि मंत्री ने बताया कि बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र से लगातार खाद की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों की जांच कराई गई, जिसमें जिला कृषि अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। वहीं, एक अन्य कृषि अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सरकार की निगरानी और कार्रवाई यहीं तक सीमित नहीं रही। मंत्री ने बताया कि अब तक खाद की कालाबाजारी के मामलों में 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 580 फुटकर विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
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कृषकों के लिए पर्याप्त उर्वरक की व्यवस्था
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में खरीफ सीजन की तैयारी जोरों पर है। किसानों को बीज और उर्वरक की कोई कमी न हो, इसके लिए 27 लाख टन यूरिया पहले से उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 10 लाख टन यूरिया की और आपूर्ति की जा रही है।
पिछले वर्ष खरीफ सीजन में कुल 32.84 लाख टन यूरिया की खपत हुई थी। इस बार सरकार ने इससे अधिक स्टॉक की व्यवस्था कर ली है। जुलाई में केंद्र सरकार से अतिरिक्त 10 लाख टन यूरिया मिलने की संभावना है।
सरकार की चेतावनी: लापरवाही बर्दाश्त नहीं
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने स्पष्ट किया कि खाद वितरण में लापरवाही या कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसानों को समय से खाद मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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