उत्तर प्रदेश की राजधानी में भूखंड घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। विजिलेंस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट सहित लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के कई तत्कालीन अधिकारियों पर FIR दर्ज की है। इन सभी पर प्रियदर्शिनी भूखंड योजना में गंभीर अनियमितताओं और आपराधिक साजिश का आरोप है।
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FIR में शामिल नाम
अंबी बिष्ट (तत्कालीन संपत्ति अधिकारी, LDA)
वीरेंद्र सिंह (तत्कालीन अनुभाग अधिकारी)
देवेंद्र सिंह राठौर (तत्कालीन उप सचिव)
सुरेश विष्णु महादाणें (तत्कालीन वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट)
शैलेंद्र कुमार गुप्ता (तत्कालीन अवर वर्ग सहायक)
मामला क्या है?
जानकीपुरम स्थित प्रियदर्शिनी भूखंड योजना में भूखंडों के आवंटन और पंजीकरण में धांधली का आरोप है। आरोपियों पर अपात्र लोगों को भूखंड बांटने और बैनामों में हेराफेरी करने का आरोप लगा है।
शासन ने 23 नवंबर 2016 को इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। अब विजिलेंस ने जांच आगे बढ़ाते हुए एफआईआर दर्ज कर दी है और अपात्रों को किए गए बैनामों की जांच शुरू करने का ऐलान किया है।
राजनीतिक हलचल
अंबी बिष्ट पर कार्रवाई से सियासी हलचल तेज हो गई है। मुलायम सिंह यादव के परिवार से रिश्तेदारी होने के कारण इस मामले को केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है।
पृष्ठभूमि
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) पर पहले भी भूखंड और मकान आवंटन में धांधली के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इस बार मामला सीधे पूर्व सीएम के परिवार से जुड़े नाम तक पहुंचने के कारण चर्चाओं में है।
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असर
विजिलेंस अब भूखंड बैनामों की बारीकी से जांच करेगी।
दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तेज होने की उम्मीद है।
LDA की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं।