राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से जुड़े डॉक्टर दंपती पर ठगी का गंभीर आरोप लगा है। सीनियर रेजीडेंट डॉ. अजय कुमार वर्मा, उनकी पत्नी डॉ. साक्षी वर्मा और पूर्व डॉ. गौरव समेत पांच लोगों के खिलाफ 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा चौक कोतवाली में दर्ज किया गया है।
आरोप है कि डॉक्टर दंपती ने अपने साथियों के साथ मिलकर ग्रीन बाई वेदा कंपनी के नाम पर धन दोगुना करने का झांसा दिया और कई जूनियर डॉक्टरों से मोटी रकम ऐंठ ली।
मामला कैसे शुरू हुआ?
जूनियर डॉक्टर मो. आमिर हुसैन ने तहरीर दी कि करीब एक साल पहले डॉ. साक्षी वर्मा ने उनकी मुलाकात अपने पति डॉ. अजय कुमार वर्मा से कराई। दोनों ने दावा किया कि वे ग्रीन बाई वेदा कंपनी से जुड़े हैं, जो निवेश करने पर छह माह में रकम दोगुनी करने की स्कीम चलाती है।
विभूतिखंड के साइबर टॉवर ऑफिस और एक होटल में सेमिनार कराकर कंपनी की स्कीम बताई गई।
डॉक्टरों को भरोसा दिलाने के लिए पूर्व डॉ. गौरव भी शामिल हुए।
जूनियर डॉक्टरों से एक-एक कर निवेश कराया गया।
निवेश करने वाले डॉक्टर और रकम
डॉ. मो. आमिर हुसैन – ₹7 लाख
डॉ. मो. फिरोज खान – ₹7 लाख
डॉ. आशुतोष सिंह – ₹6.6 लाख
डॉ. आशीष कुमार (वाराणसी) – ₹3 लाख
डॉ. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी – ₹3 लाख
डॉ. अनुपमा वर्मा व डॉ. राघवेंद्र – ₹2.20 लाख
कुल ठगी: करीब 30 लाख रुपये
पुलिस की कार्रवाई
जब समय पूरा होने के बाद भी रकम वापस नहीं मिली तो पीड़ित डॉक्टरों ने आरोपियों से पैसे मांगे। लेकिन डॉक्टर दंपती और उनके साथी टालमटोल करने लगे। आखिरकार सात डॉक्टरों ने मिलकर चौक कोतवाली में संयुक्त तहरीर दी।
इंस्पेक्टर चौक नागेश उपाध्याय ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है।
आरोपियों पर धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
डीसीपी के आदेश पर जांच शुरू की गई है।
इस संबंध में एक पत्र केजीएमयू प्रशासन को भी भेजा गया है।
बड़ा सवाल
एक तरफ केजीएमयू जैसे बड़े संस्थान के डॉक्टरों पर लोगों की जिंदगी और भरोसा टिका होता है, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं डॉक्टरों पर ठगी का आरोप लगना बेहद चौंकाने वाला है।