लखनऊ, एनआईए संवाददाता।
राजधानी लखनऊ में बन रहे पीएम मित्र पार्क को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण पर अनियमितता के आरोप लगे हैं। उत्तर प्रदेश अपना व्यापार मंडल ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र सौंपा है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
क्या है मामला?
संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी अजय यादव ने आरोप लगाया कि पहले तैयार किए गए प्रस्ताव से 5 करोड़ 60 लाख रुपये की बचत हो रही थी।
इस प्रस्ताव में 14 किलोमीटर फोर लेन और 8.5 किलोमीटर संरेखण शामिल था, जो पहले से बनी सड़कों का उपयोग कर तैयार किया गया था।
यह प्रस्ताव तत्कालीन डीएम के जरिए शासन को भेजा भी गया था।
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नया प्रस्ताव और विवाद
संगठन का आरोप है कि कुछ विभागीय अभियंताओं और भू-माफियाओं की मिलीभगत से नया प्रस्ताव तैयार किया गया।
नए प्रस्ताव में 700 मीटर लंबी और 18 मीटर चौड़ी ग्रीन फील्ड को शामिल किया गया है।
शिकायत के मुताबिक, ऐसा कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
शिकायती पत्र में यह भी कहा गया कि एक अधीक्षण अभियंता ने पुराने प्रस्ताव को गलत बताकर नए प्रस्ताव का समर्थन किया है।
बड़ा सवाल
क्या वास्तव में यह नया प्रस्ताव जनहित से ज्यादा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है? व्यापार मंडल की शिकायत के बाद अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में जांच कर सख्त कार्रवाई करती है या नहीं।
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