नाबालिग लड़की से रेप के दोषी आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने यह राहत मेडिकल आधार पर दी है।
क्या है पूरा मामला
30 अगस्त को जेल में सरेंडर करने के कुछ दिन बाद ही आसाराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। इसके बाद उनके वकीलों ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जमानत याचिका दायर की।
कोर्ट में सुनवाई
कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजेव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संगीता शर्मा की डिवीजन बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला आसाराम के पक्ष में सुनाया।
आसाराम की ओर से सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने पैरवी की।
राजस्थान सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक चौधरी ने पक्ष रखा।
जबकि पीड़िता की तरफ से एडवोकेट पीसी सोलंकी ने दलीलें दीं।
क्यों मिली जमानत
आसाराम को कोरोनरी हार्ट डिज़ीज, ब्लड प्रेशर, एनीमिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग और प्रोस्टेट की समस्या जैसी गंभीर बीमारियाँ हैं। मेडिकल रिपोर्ट में दिल की दो धमनियों में 90% ब्लॉकेज की बात कही गई है।
यह भी पढ़ें: UP: गन्ना मूल्य ₹30 बढ़ा, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा-योगी सरकार
पहले खारिज हुई थी याचिका
27 अगस्त को जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनकी हालत “स्थिर” है और लगातार इलाज की जरूरत नहीं।
आसाराम की सजा
आसाराम को राजस्थान के जोधपुर में एक नाबालिग लड़की से रेप, और गुजरात के अहमदाबाद में आश्रम की महिला से रेप के मामलों में
आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
क्या आगे होगा
अदालत ने स्पष्ट किया है कि जमानत केवल मेडिकल आधार पर छह महीने के लिए अंतरिम है। इस अवधि के बाद उन्हें फिर से जेल में सरेंडर करना होगा, जब तक कि कोर्ट आगे कोई नया आदेश न दे।
यह भी पढ़ें: मिल पर इनकम टैक्स का छापा: 60–70 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे अधिकारी, पीएसी तैनात




