16 साल का गोरखधंधा! जिला पंचायत ने 2044 नक्शे मनमाने ढंग से पास किए, अब एलडीए करेगा ध्वस्तीकरण

लखनऊ, एनआईए संवाददाता। 

राजधानी का विस्तारित क्षेत्र जिला पंचायत की मनमानी का शिकार हो चुका है। पिछले 16 सालों में 2044 अपार्टमेंट, टाउनशिप, कॉम्पलेक्स और फैक्ट्रियों के नक्शे जिस तरह धड़ल्ले से पास कर दिए गए, उसने पूरे मास्टर प्लान को तार-तार कर दिया। अब एलडीए इन सभी नक्शों को निरस्त करने की तैयारी में है।

पूर्व कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब के आदेश पर हुई जांच में खुलासा हुआ है कि जिला पंचायत ने भू-उपयोग और मास्टर प्लान के नियमों को ताक पर रखकर नक्शे पास किए। एलडीए की सीमा में आने वाली बड़ी टाउनशिप और अपार्टमेंट्स को भी बिना अधिकार मंजूरी दे दी गई।

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होटल से मेडिकल कॉलेज तक के नक्शे पास

जिला पंचायत ने सिर्फ आवासीय मंजूरी तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि होटल, गेस्ट हाउस, फैक्ट्री, प्रिंटिंग प्रेस, नर्सिंग होम, मेडिकल कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान, वेयरहाउस और पेट्रोल पंप तक के नक्शे पास कर दिए।

भावा खेड़ा में औद्योगिक भवन

नारायणपुर में गेस्ट हाउस

हरैया में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज
इन्हें भी जिला पंचायत की ओर से हरी झंडी मिल गई।

सबसे ज्यादा खेल अयोध्या रोड पर

सबसे ज्यादा गड़बड़ी अयोध्या रोड पर हुई। यहां बड़ी टाउनशिप और अपार्टमेंट्स के नक्शे पास कर दिए गए। बिल्डरों ने बड़े प्लॉट खरीदकर प्लॉटिंग की और करोड़ों का राजस्व हजम कर लिया।
इसी तरह:

सीतापुर रोड (बक्शी का तालाब से इटौंजा तक)

सुल्तानपुर रोड (इंदिरा नहर तक)

कुर्सी रोड (बेहटा तक)
में भी बेतहाशा नक्शे पास किए गए।

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कितने नक्शे कब पास हुए?

2010-11 : 115

2011-12 : 219

2012-13 : 173

2013-14 : 255

2014-15 : 266

2015-16 : 121

2016-17 : 192

2017-18 : 113

2018-19 : 167

2019-20 : 176

2020-21 : 50

2021-22 : 10

2022-23 : 43

2023-24 : 60

2024-25 : 68

2025-26 : 16

कुल = 2044 नक्शे

एलडीए का रुख

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा, 2010-11 से 2025-26 तक जिला पंचायत ने 2044 नक्शे गलत तरीके से पास किए। इनमें भू-उपयोग का पालन नहीं हुआ। अब इन्हें निरस्त किया जाएगा और उसके बाद प्रवर्तन की कार्रवाई होगी। जिनके नक्शे मानकों के हिसाब से सही होंगे, उन्हें कंपाउंडिंग का मौका मिलेगा।”

ध्वस्तीकरण की तलवार

एलडीए के पास रिपोर्ट आ चुकी है और अपील पर सुनवाई के बाद नक्शे निरस्त कर दिए जाएंगे। इसके बाद ध्वस्तीकरण अभियान चलेगा। माना जा रहा है कि कई नामचीन बिल्डरों की बड़ी टाउनशिप और अपार्टमेंट भी इसकी जद में आएंगे।

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