ओबरा में बड़ा हादसा: बिल्ली मारकुंडी खदान धंसी, 15 से अधिक मजदूर दबे; एनडीआरएफ–एसडीआरएफ बुलाई गई

 सोनभद्र/लखनऊ, NIA संवाददाता।

ओबरा के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार शाम बड़ा हादसा हो गया। बलास्टिंग के लिए कंप्रेशर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान अचानक भारी चट्टान दरककर करीब 150 फीट गहरी खदान में भरभराकर गिर पड़ी, जिससे वहां काम कर रहे 15 से अधिक मजदूर मलबे के नीचे दब गए। हादसा इतना तेज था कि पूरा क्षेत्र चीख-पुकार से गूंज उठा।

चार घंटे बाद शुरू हो पाया रेस्क्यू, रात भर चला ऑपरेशन

घटना की जानकारी मिलते ही अल्ट्राटेक, ओबरा परियोजना सहित स्थानीय राहत दल मौके पर पहुंचे, लेकिन खदान की गहराई और अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू शुरू करने में चार घंटे से ज्यादा लग गए। रात आठ बजे लाइटिंग सिस्टम लगने के बाद राहत कार्य शुरू हो सका। देर रात वाराणसी से एनडीआरएफ और मीरजापुर से एसडीआरएफ की टीमों के पहुंचने से बचाव कार्य तेज किया गया।

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प्रत्यक्षदर्शियों ने मलबे के नीचे एक शव दिखने का दावा किया, लेकिन प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। देर रात तक एक भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका।

सीएम कार्यक्रम के एक घंटे बाद खदान में हादसा

हादसा उस समय हुआ जब इससे करीब एक घंटे पहले चोपन रेलवे ग्राउंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे थे। सीएम के कार्यक्रम के मद्देनजर खनन क्षेत्र में ब्लास्टिंग पर रोक लगाई गई थी, बावजूद इसके मेसर्स कृष्णा माइनिंग की खदान में ड्रिलिंग और तैयारी का काम चलता पाया गया।

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प्रशासनिक अफसर मौके पर, खदान मालिक फरार

सूचना पाते ही डीएम बद्रीनाथ सिंह, एसपी अभिषेक वर्मा, पुलिस व प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं। समाज कल्याण राज्य मंत्री संजय सिंह गोंड भी रात में घटनास्थल पहुंचे।

घटना के बाद खदान मालिक फरार हो गया है। डीएम ने प्रारंभिक जांच एडीएम (वित्त एवं राजस्व) वागीश शुक्ला को सौंपी है।

जिम्मेदारी तय होगी-डीएम

डीएम बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि मलबा पूरी तरह हटने के बाद ही फंसे मजदूरों की सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। वहीं राज्य मंत्री संजय सिंह गोंड ने कहा कि निर्देश के बावजूद खनन कार्य जारी रहने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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