हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को फटकारा: मानकविहीन रिफ्लेक्टिव टेप पर सख्ती, 4 हफ्ते में जवाब तलब

लखनऊ, NIA संवाददाता।

मानक के अनुरूप रिफ्लेक्टिव टेप एवं रियर मार्किंग टेप न लगाने तथा परिवहन विभाग द्वारा जारी सर्कुलर का सही तरीके से पालन न करने को लेकर उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने कड़ा रुख अपनाया है। सृजन फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने विभाग के अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही मामले के निपटारे तक केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 104 एवं सम्बंधित परिपत्रों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

न्यायालय की जस्टिस राजन रॉय एवं जस्टिस राजीव भारती की बेंच ने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया जैसे सभी माध्यमों से राज्य में जागरूकता अभियान चलाए जाने निर्देश दिए हैं। यह भी उल्लेख किया गया कि विशेषकर सर्दियों में कोहरे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। अगली सुनवाई पर संबंधित प्रमाण हलफनामे के साथ प्रस्तुत करने को भी कहा गया है।

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सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक वाहन पर मानक के अनुरूप रिफ्लेक्टिव और रियर मार्किंग टेप का अभाव भी है। कम गुणवत्ता वाले टेप के इस्तेमाल से होने वाली दुर्घटनाओं में कई बार जान-माल का बड़ा नुकसान होता है। सामाजिक संस्था सृजन फाउंडेशन ने इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए 15 मई 2025 को परिवहन आयुक्त को पत्र भेजा था। इसके जवाब में 28 मई 2025 को परिवहन विभाग ने आरटीओ/एआरटीओ को निर्देशित किया था कि मानक वाले टेप लगाने के बाद ही वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाए। लेकिन आरटीओ/एआरटीओ स्तर पर इस सर्कुलर का निष्पादन धीमा रहा।

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13 जून 2025 को पुनः परिवहन आयुक्त को एक पत्र भेजा गया, जिसमें सर्कुलर के पूर्ण क्रियान्वयन की मांग की गई, लेकिन तब भी कार्रवाई नहीं हुई। परिणामस्वरूप, सृजन फाउंडेशन ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की, जिसने इसे संज्ञान में लेकर संबंधित पक्षों को कड़े निर्देश दिए हैं।

इस फैसले से उम्मीद जताई जा रही है कि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और मानक वाले रिफ्लेक्टिव टेप एवं रियर मार्किंग टेप के अनुपालन से दुर्घटनाओं में कमी आएगी। परिवहन विभाग को अब तेजी से उचित कदम उठाने होंगे ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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