राजधानी के वीवीआईपी इलाके गौतमपल्ली में बुधवार सुबह सनसनी फैल गई जब मथुरा से आए मां-बेटे ने कथित तौर पर भूमाफियाओं से त्रस्त होकर पर्यटन मंत्री के सरकारी आवास के ठीक पास जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
56 वर्षीय मुनेश सिंह की स्थिति नाजुक बताई जा रही है, जबकि उनका बेटा बलजीत सिंह (38) सिविल अस्पताल में भर्ती है।
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बलजीत की जेब से मिला आरोपों से भरा नोट
मौके से मिले हस्तलिखित नोट में आरोप है कि;
43 लाख रुपये लेकर न तो प्लॉट दिया गया और न मकान की रजिस्ट्री की गई।
उल्टा पीड़ित परिवार को घर से बाहर निकाल दिया गया।
आरोपित लगातार कहते थे कि वे “पर्यटन मंत्री के पार्टनर” हैं, इसलिए कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
शिकायत करने पर धमकियाँ दी जाती थीं और कहा जाता था कि “ऊपर तक पहुँच” होने से कार्रवाई रुकवा दी जाएगी।

किन लोगों पर आरोप?
पीड़ितों ने जिन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वे हैं—
जयप्रकाश त्यागी
नरेश त्यागी
पुष्पेंद्र त्यागी
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हरि नारायण राय
अभय शर्मा
परिवार का दावा—
15 लाख में प्लॉट
28 लाख में मकान
दो साल से रजिस्ट्री लंबित
कोर्ट में केस करने पर भी धमकियां
अफसरों से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
सबसे गंभीर सवाल: “मंत्री का पार्टनर” कहकर संरक्षण का दावा?
पीड़ितों के आरोप कई गंभीर सवाल उठाते हैं—
क्या आरोपितों को किसी राजनीतिक संरक्षण का भरोसा था?
बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
कोर्ट केस के बाद भी इनकी धमकियां क्यों नहीं रुकीं?
वीवीआईपी ज़ोन और मंत्री आवास के ठीक पास यह घटना होना क्या प्रशासन की बड़ी चूक नहीं है?
जांच का दावा, लेकिन मामला ‘रूटीन’ से कहीं ज्यादा गंभीर
फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कर रही है।लेकिन एक महिला की हालत गंभीर है और आरोप सीधे सत्ता के नजदीक पहुंच की ओर इशारा करते हैं, यह मामला अब केवल एक शिकायत नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यशैली पर सवाल बन चुका है।
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