लखनऊ की रियल एस्टेट दुनिया में ठगी का एक और काला सच सामने आया है। पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी के साले राजेश पांडेय पर आरोप है कि उसने लाखों रुपये ऐंठने के बावजूद 12 साल में भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। मामला इतना पुराना कि पीड़ित को आखिरकार कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।
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ठगी की कहानी
अलीगंज निवासी इंदल रावत ने 2013 में स्काइवे इंफ्रा हाउसिंग और राज इंफ्रा हाउसिंग से प्लॉट खरीदने का सौदा किया।
पत्नी उर्मिला रावत और अपने नाम से प्लॉट बुक कराए।
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17.56 लाख रुपये चुकाए भी, लेकिन…
राजेश पांडेय ने न केवल रजिस्ट्री टाल दी, बल्कि साथी सुनील सिंह की फर्म भी खरीद ली।
आज तक न प्लॉट मिला, न कागज।
कोर्ट ने बचाई इज्जत
इंदल रावत की गुहार पर कोर्ट ने आदेश दिया, तब जाकर गोमतीनगर थाने में इंस्पेक्टर ब्रजेश ने FIR दर्ज की।
सवाल बड़ा है – जब सत्ता से जुड़े रसूखदार रिश्तेदार ही जमीन घोटालों में डूबे हों, तो आम खरीदार का हक कौन दिलाएगा?
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