मुंबई। भारत सरकार ने मंगलवार (7 जनवरी) को घोषणा की गई कि वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नए अध्यक्ष के रूप में एस सोमनाथ की जगह लेंगे। डॉ. वी नारायणन 14 जनवरी को एस सोमनाथ की जगह पदभार ग्रहण करेंगेे। डॉ. वी नारायणन देश के ही एक प्रतिष्ठित संस्थान के टॉपर रहे हैें।
उन्होंने देश में रहकर ही अपनी पूरी पढ़ाई को पूरा किया और साल 1984 में ISRO में शामिल हुये। आपको बता दें कि एस सोमनाथ का 14 जनवरी को दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगेे। बता दें कि एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला थो। नियुक्ति समिति के आदेशानुसार, वी नारायणन अगले दो वर्षों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करेंगे।
डॉ. वी नारायणन का ISRO में रहा है अहम रोल
वी नारायणन एक जाने माने सम्मानित वैज्ञानिक हैं जिनके पास रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रपल्शन के क्षेत्र में लगभग चार दशकों का अनुभव है। आजकल वह लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (रुक्कस्ष्ट) के निदेशक के तौर पर कार्यरत हैं जो ढ्ढस्क्रह्र का एक प्रमुख केंद्र है। उनकी वैज्ञानिक यात्रा की शुरुआत विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (IVSSC) से हुई जहां उन्होंनेAugmented Satellite Launch Vehicle (ASLV) और Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) के विकास में अहम योगदान दिया। इसके अलावा उन्होंने कई प्रमुख प्रणालियों जैसेAblative नोजल सिस्टम, कॉम्पोजिट मोटर केस और कॉम्पोजिट इग्निटर केस के निर्माण और परीक्षण में भी अहम भूमिका निभाई। वी नारायणन ने ISRO के अंतरिक्ष मिशनों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिससे भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक अग्रणी राष्ट्र बनने में मदद मिली है।
आईआईटी खडग़पुर से किया B.Tech, M.Tech और पीएचडी
इसरो के नए प्रमुख डॉ. वी नारायणन ने आईआईटी खडग़पुर से साल 1989 में क्रायोजैनिक इंजीनियरिंग में एमटेक फस्र्ट रैंक से किया। इसके बाद साल 2001 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। उन्हें एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से गोल्ड मेडल मिल चुका है। डॉ. वी नारायणन तमिलनाडु के कन्याकुमारी के रहने वाले हैं। इसरो में उनकी एंट्री साल 1984 में हुई थी। शुरुआत के करीब चार साल तक उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में साउंडिंग रॉकेट्स, ऑगमैंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के सॉलिड प्रोपल्सन क्षेत्र में काम किया।
1200 से अधिक आंतरिक रिपोट्र्स पर किया है काम
डॉ. नारायणन ने कई महत्वपूर्ण तकनीकी शोधपत्रों का प्रकाशन किया है, जिनमें 1200 आंतरिक रिपोट्र्स, 50 जर्नल/रिसर्च पेपर और 3 पुस्तक अध्याय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में कई मुख्य भाषण दिए हैं और 10 दीक्षांत समारोहों में भी भाग लिया है।