कांवड़ मार्ग के होटल व ढाबों पर लगाए गए 250 से अधिक क्यूआर कोड

 

मुरादाबाद, कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग में पड़ने वाले होटल, ढाबों और भोजनालय पर क्यूआर कोड लगाने के फैसले को सही ठहराने के बाद खाद्य विभाग ने क्यूआर कोड लगाने के अभियान को तेज कर दिया है। विभाग अब तक खाद्य पदार्थों की ढाई सौ से अधिक प्रतिष्ठान पर कोड चस्पा करा चुका है। गौरतलब है कि खाद्य पदार्थ की पहचान जानने के लिए प्रदेश में कांवड़ मार्ग के होटलों-रेस्टोरेंट व ढाबों पर खाद्य विभाग द्वारा क्यूआर कोड चस्पा कराए जा रहे हैं। क्यूआर कोड को मोबाइल से स्केन पर होटल संचालक का नाम-पता और लाइसेंस पंजीकरण की जानकारी मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल व ढाबों के बाहर क्यूआर कोड और अन्य सूचनाएं लगाने के सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी, लेकिन सुप्रीम अदालत ने स्पष्ट किया कि इस पर रोक नहीं लगाई जाएगी और मुख्य याचिका पर आगे विचार किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी होटल व रेस्तरां मालिकों को लाइसेंस तथा पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य है जिससे भोजनालय की पारदर्शिता और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आवश्यक कदम है। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा राजप्रकाश श्रीवास्तव के निर्देशन में टीम ने इन क्यूआर कोड्स को रामपुर रोड सहित तमाम रेस्टोरेंट्स और ढाबों पर चिपकाया है। प्रशासन ने भोजनालयों साफ-सफाई और खाद्य मानकों पर भी विशेष ध्यान दिया है। निरीक्षण टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि दुकानों में

पर अनिवार्य रूप से खाद्य पदार्थों की रेट लिस्ट लगी होनी चाहिये। रेस्टोरेंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को भी कहा गया है। जिले को यात्रा के लिहाज से 10 जोन और 24 सेक्टर में बांटकर पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। साथ ही जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं जिससे निगरानी की जा रही है। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा राज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लिभाग कार्य करने में और भी आसानी होगी। क्यूआर कोड सिस्टम से न केवल पारदर्शिता आएगी, बल्कि शिकायतों की मॉनिटरिंग भी संभव हो सकेगी। इससे स्वच्छता मानकों और खाद्य गुणवत्ता की प्रभावी निगरानी हो पाएगी, जिसका सीधा लाभ भक्तों और ग्राहकों को मिलेगा।

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