दिव्य सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज में सोमवार को भारत माता के दो महान सपूतों – पंडित चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती श्रद्धा और गर्व के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में वक्ताओं ने दोनों महापुरुषों के जीवन, विचारों और राष्ट्रभक्ति पर विस्तार से प्रकाश डाला।
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विचारों से प्रेरणा और चरित्र निर्माण का आह्वान
मुख्य अतिथि डॉ. के.के. मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्र निर्माण के लिए हमें संगठित होकर अगली पीढ़ी का चरित्र निर्माण करना होगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आज़ाद और तिलक जैसे महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेकर देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएं।
क्रांतिकारी जीवन का संकल्प
कार्यक्रम के मार्गदर्शक डॉ. प्रदीप शर्मा ने चंद्रशेखर आज़ाद के क्रांतिकारी जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि वे आजीवन देश की आज़ादी के लिए लड़ते रहे और अंततः अपने वचन के अनुसार बलिदान दे दिया। लोकमान्य तिलक द्वारा गणेश उत्सव के माध्यम से जन जागरण का उल्लेख करते हुए कहा गया कि उन्होंने मांडले जेल में रहते हुए ‘गीता रहस्य’ जैसी महान कृति की रचना की।
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लाल-बाल-पाल की विरासत
प्रदेश उपाध्यक्ष विमलेंद्र शर्मा ‘विमल’ ने कहा कि देश की आज़ादी में लाल-बाल-पाल त्रयी का योगदान ऐतिहासिक रहा है। तिलक जी ने समय का सही उपयोग कर आने वाली पीढ़ियों के लिए आत्मबल और विचारशीलता की मिसाल पेश की।
प्रतिज्ञा और राष्ट्र सेवा का संकल्प
कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों ने प्रतिज्ञा ली कि वे इन महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलकर भारत माता को कमजोर करने वाली ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
उपस्थित प्रमुख जन
इस अवसर पर अनिल शर्मा ने अध्यक्षता की और सुनील कुमार शर्मा ने संचालन किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अरुण कुमार शर्मा, सुधांशु कौशिक, सत्येंद्र शर्मा, अमित शर्मा, राकेश शर्मा, भगवान दास शर्मा, डॉ. शरद कुमार शर्मा, धवल दीक्षित, निखिल भारद्वाज समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।