विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन : अब उस्ताद नहीं बोलेंगे वाह ताज

नई दिल्ली। पद्म विभूषण से सम्मानित विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। सोमवार सुबह उनके परिवार ने इसकी पुष्टि की। एक चायज के विज्ञापन में उन्होंने वाह ताज बोला था जो काफी फेमस हुआ था।

परिवार के मुताबिक हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीडि़त थे। परिवार ने बताया कि वे पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे। हालत ज्यादा बिगडऩे पर उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया था। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली।

जाकिर का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लारक्खा कुरैशी और मां का नाम बावी बेगम था।

जाकिर के पिता अल्लारक्खा भी तबला वादक थे। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। उन्होंने ग्रेजुएशन मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया था। हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था।

1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम लिविंग इन द मटेरियल वल्र्ड लॉन्च किया था। हुसैन को 2009 में पहला ग्रैमी अवॉर्ड मिला। 2024 में उन्होंने 3 अलग-अलग एल्बम के लिए 3 ग्रैमी जीते। इस तरह जाकिर हुसैन ने कुल 4 ग्रैमी अवॉर्ड अपने नाम किए।