लखनऊ, एनआईए संवाददाता।
उत्तर प्रदेश के किसान अब तिलहन और दलहन की खेती की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। योगी सरकार की योजनाओं और प्रोत्साहन के चलते खरीफ सीजन 2025 में तिल, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों का रकबा पिछले साल की तुलना में करीब सवा गुना बढ़ गया है।
सरकारी प्रयासों का असर दिखा
राज्य सरकार की मंशा है कि उत्तर प्रदेश तिलहन और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बने। इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग, कृषि यंत्र और उन्नत किस्म के बीज अनुदान पर दिए जा रहे हैं। इन प्रयासों के परिणाम खरीफ सीजन के ताज़ा आंकड़ों में साफ दिखाई दे रहे हैं।
तिल का रकबा डेढ़ गुना से अधिक बढ़ा
कृषि विभाग के अनुसार, वर्ष 2024 में तिलहन फसलों का कुल रकबा 432.250 हजार हेक्टेयर था, जो 2025 में बढ़कर 547.144 हजार हेक्टेयर हो गया है।
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तिल का रकबा 180.26 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 303 हजार हेक्टेयर हुआ — यानी 1.68 गुना वृद्धि।
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मूंगफली 204 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 218 हजार हेक्टेयर।
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सोयाबीन 34.12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 40 हजार हेक्टेयर।
दलहनी फसलों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय अरहर रही, जिसका रकबा 184 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 273 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया।
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मूंग में मामूली वृद्धि हुई है (30 से बढ़कर 32 हजार हेक्टेयर)
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जबकि उड़द पिछड़ती नजर आ रही है।
धान, मक्का और कपास के रकबे में भी बढ़ोतरी
खरीफ की अन्य प्रमुख फसलों की बात करें तो –
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धान का रकबा 4193 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 5546 हजार हेक्टेयर
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मक्का 636 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 701 हजार हेक्टेयर
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कपास का रकबा 7 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 18 हजार हेक्टेयर हो गया है।
कुल खरीफ रकबा 8262 हजार हेक्टेयर पार
खरीफ सीजन 2025 में उत्तर प्रदेश में कुल बोआई का क्षेत्र 8262 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 6574 हजार हेक्टेयर था। यह बढ़त दर्शाती है कि सरकार की योजनाएं न केवल किसानों तक पहुंच रही हैं, बल्कि उसका सीधा प्रभाव खेतों में भी देखने को मिल रहा है।
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