उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांग बालिकाओं की शिक्षा को सशक्त करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 26,215 दिव्यांग छात्राओं को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 200 प्रतिमाह की दर से अधिकतम 10 माह तक वृत्तिका (stipend) देने के लिए 5.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए पारदर्शी भुगतान
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि संपूर्ण भुगतान प्रक्रिया डिजिटल होगी। वृत्तिका की राशि प्रेरणा, समर्थ और PFMS पोर्टल्स के माध्यम से सत्यापित कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) द्वारा अभिभावकों के खातों में भेजी जाएगी।
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पात्रता मानदंड और प्रक्रिया, शर्तें विवरण
कक्षा कक्षा 1 से 8 तक की छात्राएं
स्कूल परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक या कम्पोजिट विद्यालय
प्रमाण-पत्र न्यूनतम 40% दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी)
सहायता राशि 200 प्रति माह (अधिकतम 10 माह तक)
सत्यापन प्रक्रिया प्रेरणा, समर्थ और PFMS पोर्टलों के माध्यम से पूर्ण डिजिटल सत्यापन
वित्तीय अनुशासन और निगरानी व्यवस्था
सभी व्यय FM&P Manual-2024 और क्रय निर्देशों के अनुसार।
दोहरा भुगतान/गड़बड़ी पाए जाने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
समस्त भुगतान 30 सितंबर, 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश।
हर जनपद में चार सदस्यीय समिति का गठन – जिसकी अध्यक्षता जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करेंगे।
मंत्री का वक्तव्य
“हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण है। यह वृत्तिका उन दिव्यांग बेटियों के लिए एक मजबूत सहारा बनेगी, जिनके सपने उनके शारीरिक हालात से कहीं बड़े हैं। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा में समान अवसर, गरिमा और संवेदनशील शासन व्यवस्था का परिचायक है।”
— संदीप सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार
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