धार्मिक डेस्क। Hajj Fire: साल 1997 सऊदी के पवित्र मक्का शहर में भीषण आग के लिए याद किया जाता है। यहां हज यात्रा के दौरान जब दुनिया भर से करोड़ों मुसलमान जियारत के लिए पहुंच रहे थे, तब एक दिन बेहद भीड़भाड़ वाले टेंट शहर मिना में आग लग गई। इस आग ने भारी नुकसान पहुंचाया, करीब 300 लोगों की जान ले ली थी। 19 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महा कुंभ में भी आग लगने की घटना हुई, जिस पर बहुत तेजी से काबू पा लिया गया। इस महाकुंभ में देश-दुनिया के करोड़ों लोग शामिल हो रहे हैं और त्रिवेणी संगम में स्नान करने आ रहे हैं।
करीब 70 हजार टेंट हो गए थे खाक
कुंभ की तरह हज में भी खाना पकाने के गैस सिलेंडर के कारण ही आग लगी थी। इसके बाद लगभग 40 मील प्रति घंटे (64 किमी/घंटा) की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने आग को तेजी से भड़का दिया और देखते ही देखते 70,000 टेंट आग में जलकर खाक हो गए। हज में लगी इस भीषण आग के कारण आधिकारिक तौर पर, 1,290 लोग घायल हुए और 217 मारे गए, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना था कि इसमें कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई थी। आग के कारण मची भगदड़ ने भी बड़ी संख्या में इंसानी जान ली थी। इसके कारण मौतों का आंकड़ा बढ़ता गया।
कई हेलीकॉप्टर और 300 दमकल गाड़ियां लगीं
इस आग को काबू में करने के लिए सऊदी अरब की सरकार ने बहुत तेजी से एक्शन लिया था और आग लगने के कुछ ही देर के अंदर 300 दमकल गाड़ियों के साथ-साथ कई हेलीकॉप्टरों को आग पर काबू पाने के लिए तैनात कर दिया गया था। इसके बाद भी तेज हवा के कारण मिना टेंट सिटी खाक हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगने के एक घंटे से भी कम समय पहले सऊदी सुरक्षा बलों ने पूरे मैदान के चारों ओर घेरा बना दिया था। हज यात्रा पर आए लोग घबराकर इधर-उधर भाग रहे थे।
सऊदी सरकार ने किए यह इंतजाम
इस घटना के बाद सऊदी सरकार ने आग की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए फायरप्रूफ टेंट बनाए। इसके लिए टेफ्लॉन-कोटेड ग्लॉस फाइबर फेब्रिक इस्तेमाल होता है। बांस या लकड़ी की बजाय स्टील फ्रेम का इस्तेमाल होता है। यहां तक कि रस्सी भी फायरप्रूफ मटेरियल से बनी होती है, ताकि टेंट आग ना पकड़ें। चूंकि कपड़े-बॉस, रस्सियों से बने टेंट तेजी से आग पकड़ लेते हैं इसलिए धार्मिक आयोजनों में बड़ी तादाद में आने वाले धर्मावलंबियों के ऐसे अस्थायी आवास जल्दी आग पकड़ लेती है और छोटी सी चिंगारी भी भीषण आग का रूप ले लेती है। इससे काफी नुकसान होता है।