ब्रेन ट्यूमर डे : जागरूकता और शीघ्र जांच से पायें छुटकारामैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में न्यूरोसर्जरी के

वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश्य बोले : ब्रेन ट्यूमर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के भी मस्तिष्क में पनप सकता है

नई दिल्ली। ब्रेन ट्यूमर का मरीजों और उनके परिवारों पर प्रभाव और प्रभावित लोगों के लिए अनुसंधान और सहायता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून, ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है। ग्लोबोकैन 2020 डेटा का अनुमान है कि भारत में मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के ट्यूमर के कारण 2,51,329 मौतें हुई। हालांकि, स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों तथा कैंसर के सभी मामलों को दर्ज करने की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह अनुमान है कि यह संख्या वास्तविक संख्या से काफी कम है।

शुरुआती संकेत होते हैं रोजमर्रा की समस्याओं की तरह

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश्य जोर देकर कहते हैं, “ब्रेन ट्यूमर बिना कोई स्पष्ट लक्षणों के भी मस्तिष्क में पनप सकता है। शुरुआती संकेत अक्सर रोजमर्रा की समस्याओं की तरह महसूस होते हैं जिन्हें आप नजरअंदाज कर सकते हैं। सिरदर्द शुरू होना या अगर मरीज पहले से सिरदर्द की समस्या से ग्रस्त है तो उसका गंभीर हो जाना। खासतौर पर सुबह-सुबह सिर में तेज दर्द होने के साथ जी मचलाना या उल्टी होना, खतरे का संकेत हो सकते हैं। ध्यान केंद्रित करने, स्पष्ट रूप से बोलने या दूसरों को समझने में कठिनाई किसी समस्या का संकेत हो सकती है। व्यक्तित्व में बदलाव, शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना, या दृष्टि धुंधली होना जैसे लक्षण दिखाई दें तो उसे गंभीरता से लें। मामूली चक्कर आना या संतुलन संबंधी समस्याओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का लगातार अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर को दिखाने में संकोच न करें। सफल उपचार की बेहतर संभावना के लिए ब्रेन ट्यूमर का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है। याद रखें, थोड़ी सी जागरूकता बड़ा बदलाव ला सकती है।”

डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला ने कहा, भयावह हो सकता है अनुभव

नई दिल्ली स्थित सुश्रुत ब्रेन एंड स्पाइन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला कहते हैं, “जांच में यह पता चलना कि आपको ब्रेन ट्यूमर है, एक भयावह अनुभव हो सकता है, लेकिन शुरुआती स्तर पर पता चलने से उपचार के परिणाम बहुत बेहतर होते हैं। जितनी जल्दी ट्यूमर की पहचान हो जाएगी, उपचार के उतने ही अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। शीघ्र निदान के साथ, सर्जरी अधिक सटीक हो सकती है, और दुष्प्रभाव कम हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जब ट्यूमर छोटा होता है तो रेडिएशन और दवाएं अक्सर अधिक प्रभावी होती हैं। जबकि उपचार से थकान, कमजोरी या सोच में बदलाव हो सकता है, पुनर्वास और सहायता समूह उन्हें प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। आपको अपनी दैनिक दिनचर्या या काम में थोड़ा बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन परिवार के लोगों और नियोक्ताओं (जहां आप काम करते हैं) के साथ खुलकर बात करना आपको इस स्थिति से निपटने में सहायता कर सकता है। स्वस्थ आदतें अपनाकर, भावनात्मक रूप से मजबूत रहकर और अपने परिवार तथा करीबी लोगों से जुड़े रहकर, आपके लिए एक सामान्य और खुशहाल जीवन जीना संभव हो सकता है।”

समय पर चिकित्सकीय सलाह से पा सकते हैं छुटकारा

ब्रेन ट्यूमर डे ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित लोगों के लिए जागरूकता, बीमारी का शीघ्र पता लगाना और जो इस बीमारी से प्रभावित हैं उनकी सहायता के महत्व को याद दिलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करके और समय पर चिकित्सा सलाह लेकर, हम उपचार परिणामों में सुधार कर सकते हैं और कई लोगों को आशा प्रदान कर सकते हैं। बीमारी का शीघ्र पता लगने से न केवल सफल उपचार की संभावना बढ़ जाती है बल्कि मरीजों को जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने में भी सहायता मिलती है। आइए हम इस दिन का इस्तेमाल बेहतर स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का समर्थन करने, अनुसंधान पहलों का समर्थन करने और ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे लोगों के प्रति अपनी एकजुटता बढ़ाने के लिए करें। साथ मिलकर, हम इस घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।

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