उत्तर प्रदेश में आगामी वर्ष होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं। 18 जुलाई 2025 से राज्य भर में ग्राम पंचायतों के वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पंचायतीराज निदेशालय ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है, जिसके अनुमोदन के बाद यह प्रक्रिया लागू की जाएगी।
ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद अब वार्डों के नए सिरे से गठन की प्रक्रिया होगी। 22 जुलाई को नए वार्डों का प्रकाशन किया जाएगा, जबकि 25-26 जुलाई को इन पर आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। अंतिम रूप से वार्ड निर्धारण की प्रक्रिया 13 अगस्त तक पूरी कर राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी।
जनसंख्या के आधार पर तय होंगे वार्ड
वार्डों की संख्या जनसंख्या के आधार पर तय की जाएगी। प्रस्तावित गणना के अनुसार:
1000 तक की जनसंख्या: 9 वार्ड
1001 से 2000 तक: 11 वार्ड
2001 से 3000 तक: 13 वार्ड
3001 से अधिक: 15 वार्ड
फिलहाल राज्य में 504 ग्राम पंचायतें घटकर इनकी कुल संख्या 57695 हो गई है। पहले ग्राम पंचायतों में 731811 वार्ड थे, लेकिन अब अनुमान है कि करीब 4608 वार्ड घटेंगे, जिससे कुल संख्या लगभग 7.27 लाख ग्राम पंचायत वार्ड रह जाएगी।
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क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में भी कटौती संभव
पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत क्षेत्र पंचायत में 250 और जिला पंचायत में 12 वार्डों के घटने की संभावना है। शासन का विशेष जोर “एक परिवार, एक वार्ड” की अवधारणा पर रहेगा ताकि परिवारों को मतदान और प्रतिनिधित्व में सुविधा मिल सके।
आपत्तियों पर डीएम की अध्यक्षता वाली समिति करेगी सुनवाई
अगर किसी नागरिक या संगठन को वार्ड निर्धारण में आपत्ति है तो वह निर्धारित तिथि पर उसे दर्ज कर सकता है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति इन आपत्तियों पर सुनवाई करेगी और आवश्यक संशोधन भी कर सकती है।
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मतदाता सूची का भी होगा पुनरीक्षण
इस प्रक्रिया के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 18 जुलाई से मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य भी शुरू किया जा रहा है। 14 अगस्त से बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर मतदाता गणना करेंगे। इसी वजह से वार्ड पुनर्गठन का काम 13 अगस्त तक पूरा करने की समयसीमा तय की गई है।
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