फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा में रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से हुआ जीभ के कैंसर का इलाज

रोबोटिक सर्जरी की वजह से मरीज की बची जीभ, मरीज अब बातचीत करने में सक्षम

नोएडा। फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के ऑन्कोलॉजिस्ट ने एक बार फिर अपनी चिकित्सकीय हुनर का प्रदर्शन करते हुए एक मरीज की रोबोटिक सर्जरी कर उसकी जान बचाई है। मेरठ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले समरपाल सिंह, 67 वर्ष के हैं और वे जीभ के निचले हिस्से में बार-बार होने वाले कैंसर से पीड़ित थे। रोबोटिक सर्जरी से जहां उनकी जीभ के कैंसर‌ की सर्जरी की गई वहीं उनकी जीभ को भी बचा लिया गया जबकि पारंपरिक सर्जरी में आमतौर पर वो हिस्सा निकाल दिया जाता। मरीज अब आसानी से बातचीत भी कर पा रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी एक आधुनिक क्रांतिकारी तकनीक है जो कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सर्जन की मदद कर रहा हैं वहीं मरीज के लिए भी यह काफी उपयोगी साबित हो रहा है।

मेरठ के समरपाल सिंह को नवंबर 2022 में पता चला कि उनकी जीभ के निचले हिस्से में कैंसर है। मेरठ में उन्होंने छह हफ्ते तक कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी करवाई। शुरुआत में लगा कि इलाज का असर हो रहा है, लेकिन सितंबर 2023 में कैंसर की पुनरावृत्ति हुई और यह पहले से भी ज्यादा बड़ा हो गया था। अब मेरठ के डॉक्टरों के लिए पारंपरिक तौर तरीकों से इलाज करना मुश्किल हो गया था। इसके बाद जनवरी 2024 में समरपाल सिंह ने नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों से सलाह ली।

नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में डॉ. अरुज ध्यानी की देखरेख में मरीज को पहले इम्यूनोथेरेपी का एक चक्र दिया गया। यह आजकल कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक नई तकनीक है। लेकिन मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ और फिर इलाज का तरीका बदलना पड़ा।

फोर्टिस अस्पताल, नोएडा में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. शुभम गर्ग ने रोगी की जटिल स्थिति को देखते हुए आशा की किरण के रूप में रोबोटिक सर्जरी की वकालत की।

उन्होंने बताया, “रोबोटिक सर्जरी में, डॉक्टर एक खास रोबोट का इस्तेमाल करते हैं। ये रोबोट बहुत ही सटीक और तेज़ होता है। इसके चार रोबोटिक आर्म्स होते हैं, जिसके कारण डॉक्टर शरीर के अंदरूनी हिस्सों में भी आसानी से काम कर सकते हैं।
पारंपरिक तरीकों के विपरीत रोबोटिक सर्जरी में गलती होने की संभावना लगभग नगण्य होती है। इसके अलावा, रोबोटिक सर्जरी में मरीज को कम दर्द होता है और जल्दी ठीक भी हो जाता है।”

इस मामले में भी रोबोटिक आर्म्स ने बड़ी ही कुशलता से ट्यूमर को बाहर निकाल दिया। हालांकि, ट्यूमर एक मुश्किल जगह पर फंसा हुआ था, लेकिन रोबोट ने उसे बड़ी ही सावधानी से बाहर निकाल दिया। यह काम पहले बहुत मुश्किल था, लेकिन अब रोबोट की मदद से यह आसान हो गया है। रोबोट बहुत सटीकता से काम करता है। मरीज जल्दी ठीक हो गया और अब वह पहले की तरह खा-पी सकता है और बोल सकता है। यह रोबोटिक सर्जरी के बेहद प्रभावी होने का प्रमाण है।

डॉक्टर गर्ग का कहना है कि रोबोट सर्जरी के सफल होने के लिए मरीज की अच्छी तरह जांच करके ही ये पता चल सकता है कि ये सर्जरी उनके लिए सही है या नहीं। इससे इलाज का अच्छा नतीजा आने की संभावना बढ़ जाती है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कैंसर का इलाज करते समय हर मरीज का इलाज उनके रोग की गंभीरता और जटिलता के आधार पर होना चाहिए।

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