देवरिया में जातिगत राजनीति के खिलाफ लोगों में गुस्सा
लखनऊ। देवरिया की घटना को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के कुछ नेता जिस तरह से जातिगत राजनीति कर रहे हैं, वह उनकी योगी सरकार विरोधी साजिश का हिस्सा है। यह कहना है सामाजिक एवं ट्रेड यूनियन ऐक्टिविस्ट अरविंद कुमार सिंह का। अरविंद के अनुसार इस तरह का जातिवादी नैरेटिव दिल्ली में बैठे कुछ लोगों के इशारे पर बनाया जा रहा है। इसके सहारे योगी सरकार को कानून व्यवस्था में नाकाम दिखाने की कोशिश है।
इस तरह का वातावरण बनाया जाना राजनीतिक पतन की पराकाष्ठा है। ज्यादातर हत्याएं तात्कालिक उत्तेजना के चलते होती हैं। यह अराजकता का पैमाना नहीं हो सकता है। पहले की सरकारों के कार्यकाल में लूट पाट, राहजनी , गैंगवॉर, रेप और अराजकता आम बात थी। ऐसी घटनाओं को रोकने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार बेजोड़ है। देवरिया मामले में सीएम योगी ने जिस तरह से नौकरशाही के पेंच कसे हैं, वो उनके दृढ इच्छाशक्ति को दिखलाता है। योगी परिणामों की परवाह किए बगैर चुनौतियों का सामना करते हैं। उनके सामने अमर बेल बन कर राजनीति सीढ़ियां चढ़ने वाले नेता टिक नहीं पाएंगे। देवरिया की घटना ने राजस्व विभाग की नाकामी को पर्दे से बाहर ला दिया है। जिसके चलते यथास्थिति वादी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी, मुकामी थानाध्यक्ष, हल्का दरोगा, चौकी प्रभारी और अन्य पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।
चकबंदी वालों पर भी अब गाज गिरनी शुरू हो गई है । देवरिया की घटना के बाद घृणित जातिगत राजनीति की जा रही है। कोई जमीन से जुड़ा राजनीति कार्यकर्ता ऐसी हरकतें नहीं करता। लेकिन जब हवा हवाई लोग सांंसद और विधायक बनेंगे तो समाज में कटुता तो बढ़ेगी ही। योगी आदित्यनाथ को व्यापक जन समर्थन प्राप्त है, इसलिए इस मसले पर जाति के जरिए उन्हें घेरने वाले मुंह की ही खाएंगे।